लाहौल स्पीति में एक अनार सौ बीमार की स्थिति में कांग्रेस

*** हिमाचल में बीजेपी को मिल रहा कांग्रेस के कमजोर संगठन लाभ

      सुभाष ठाकुर*******

 

देश के आम लोकसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन को 272 अधिक से सीटें जीतना जरूरी है, उससे अधिक हिमाचल प्रदेश की छः विधानसभा के उपचुनाव चुनावों में भी सभी सीटें फिर से जितना कांग्रेस को बेहद जरूरी हो चुका है।

लाहौल विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस के लिए एक अनार सौ बीमार जैसी स्थिति उत्पन हुई है। एक दर्जन से अधिक नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व से टिकेट मांग कर पार्टी की मुश्किल बढ़ा दी है ।

लाहौल स्पीति के उपविधानसभ चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवार का चयन और क्षेत्र की जिम्मेवारी जगत सिंह नेगी और सुंदर ठाकुर को सौंपी गई है । जगत सिंह नेगी जनजातीय क्षेत्र से पहली बार सरकार में कैबिनेट मंत्री बने है । वहीं सुंदर ठाकुर सीपीएस पहली बार बने हैं ।

लाहौल से कांग्रेस के बागी विधायक बीजेपी के टिकेट पर चुनावी रण में उतर चुके हैं । कांग्रेस अपने एक दर्जन नेताओं की लंबी कतार में किसी एक नेता का नाम तय नहीं कर पा रहे हैं। वहीं पूर्व मंत्री डॉक्टर राम लाल मार्कण्डे चुनाव लडने का ऐलान कर चुके हैं। पूर्व मंत्री के राजनीतिक दौर में ऐसा करना उनके लिए बेहद माना जा रहा है । या फिर उन्हे कांग्रेस टिकेट देती है तो कांग्रेस मजबूत स्थिति में खड़ी दिखाई देगी।

लेकिन जनजातीय क्षेत्र से पूर्व मंत्री कांग्रेस की सरकार में विधायक चुन कर लाहौल से आते हैं तो किसे कांग्रेस की सरकार में भी उनके आने का डर सताने लगा है कौन रोक रहा डॉक्टर राम लाल मारकंडे की राह ? जिन्हे अपनी सियासी कद की चिंता लाहौल स्पीति की जनता के विकास से अधिक होने लगी है। यह कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को समझना पड़ेगा।

लाहौल स्पीति में कुल वोट लगभग 22000 हजार के आसपास हैं , उनमें से 15000 हजार बुद्धिष्ट और 7000 हजार हिंदू वोटों की संख्या है।

हिंदू वोटों तथा स्पीति के बुद्धिष्ट वोटों में जिस नेता की पकड़ होती है वही नेता लाहौल में सफल होता रहा है। स्पीति में पूर्व विधायक रवि ठाकुर, पूर्व मंत्री डॉक्टर रामलाल मार्कण्डे के आलावा पूर्व बीडीसी चेयरमैन नोरबू छेरिंग की रिश्तेदारी स्पीति के राजा परिवार से बताई जाती है ।

कांग्रेस अपने कमजोर संगठन की कमजोरी का चुनावी मातम झेल रही है। वहीं बीजेपी अपने मजबूत संगठन से चुनावी रण में अपने कार्यकर्ताओं के हौंसले बुलंद कर रही है।

लाहौल स्पीति का मतदाता अपना चुनावी रुख साफ कर रहा है । लाहौल की जनता बोली हिमाचल में दलबदल की राजनीति बहुत गलत । वह उसका बिल्कुल भी समर्थन नहीं करते हैं । बोले रवी ठाकुर को पांच साल के लिए क्षेत्र के विकास के लिए चुन कर भेजा था। उन्होंने क्षेत्र की जनता से अपने राजनीतिक स्वार्थ के चलते गलत किया उन्हे आने वाले चुनावों में मुश्किल हो सकती है।

वहीं कांग्रेस में नेताओं की लंबी कतार पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर चुके हैं । पूर्व मंत्री डॉक्टर राम लाल मार्कण्डे के स्वागत के लिए भी कांग्रेस समर्थकों की तैयारी दिखाई दे रही है।

पूर्व मंत्री कांग्रेस के टिकेट से चुनावी रण में उतरते हैं तो बीजेपी की मुश्किल न केवल लाहौल स्पीति में बल्कि कुल्लू जिला में भी मुश्किल बड़ाने वालें हैं । लेकिन कांग्रेस सरकार के कुछ नेता जिन्हे लाहौल की जिम्मेवारी सौंपी गई है । कांग्रेस समर्थक पूर्व मंत्री के स्वागत के लिए तैयार बैठे हैं। लेकिन लाहौल से बाहर के नेता पूर्व मंत्री को कांग्रेस का टिकेट से अपने हाथ पीछे खिंचते हुए बताए जा रहे है ।

क्योंकि पूर्व मंत्री डॉक्टर रामलाल मार्कण्डे कई बार सरकार के विभिन्न विभागों में मंत्री रह चुके हैं । रामलाल मार्कण्डे अनुभवी नेता है, बीजेपी के कई राजों का खुलासा चुनावी प्रचार में कर मुश्किल में डाल सकते हैं।

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लाहौल कांग्रेस टिकेट के लिए जिला परिषद चुनाव जीतने वाले नेताओं की उम्मीदवारी सबसे अधिक देखी जा रही है ।

कांग्रेस के एक दर्जन नेताओं में पूर्व विधायक रघुवीर सिंह ठाकुर , अनुराधा राणा जिला परिषद अध्यक्षा , राजेश शर्मा जिला परिषद उपाध्यक्ष, पूर्व बीसीसी चेयरमैन नोरबू छेरिंग, कुंगा बोध जिला परिषद सदस्य ,संसार चंद शर्मा, रपत्तन दोरजे स्पीति से , प्यारे लाल शर्मा, दोरजे युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष आदि लंबी कतार नेताओं की है ।

इन सभी चेहरों में एक चेहरा ऐसा भी है कि जिन्होंने हमेशा बीजेपी की सत्ता होते हुए पंचायती राज चुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया हुआ है । हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की सरकार के दौरान

नोरबू छेरिंग लाहौल स्पीति में कांग्रेस पार्टी के 2001 से 2006 तक पंचायत समिति के चेयरमैन रह चुके हैं । 2011 से 2016 तक फिर से बीएससी सदस्य रह चुके हैं। और पार्टी के विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके है ।

अनुराधा राणा और राजेश शर्मा जिला परिषद चुनाव पहली बार चुनाव जीत कर तथा कुंगा बोध पहली बार जिला परिषद चुनाव जीत कर पंचायती राज संस्था में आए हुए हैं । अनुराधा राणा को अध्यक्षा तथा राजेश शर्मा को कांग्रेस ने उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया हुआ है। कांग्रेस के अन्य नेताओं में संसार चंद शर्मा रपत्न दोरजे, पयारे लाल शर्मा, शशि किरण , पार्टी के विभिन्न पदों पर अपनी लंबे समय से सेवाएं दे चुके हैं।

कांग्रेस को चाहिए कि ऐसे वरिष्ठ नेता को विधानसभा चुनाव में ऐसे नेताओं को उतारने के मूड में दिखाई दे रही है कि जीत कांग्रेस की पक्की हो सके । कांग्रेस जीत सुनिश्चित करने के लिए पूर्व मंत्री डॉक्टर राम लाल मारकंडें को पार्टी का टिकेट भी से सकती है ताकि पार्टी के सभी नेताओं को एक साथ मंच पर चढ़ाया जा सके। पार्टी के किसी एक नेता को टिकेट देने से भीतरघात की संभावना बन सकती है अगर भीतरघात नही हुआ तो पार्टी का कोई भी चेहरा मैदान में उतार दें तो कांग्रेस की जीत तभी संभव हो सकती है ।

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