योग अनिवार्य रूप से एक अत्यंत सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित आध्यात्मिक अनुशासन है, जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य लाने पर केंद्रित है। यह स्वस्थ जीवन जीने की एक कला और विज्ञान है। ‘योग’ शब्द संस्कृत मूल ‘युज’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘जुड़ना’ या ‘जोड़ना’ या ‘एकजुट होना’।
शास्त्रों के अनुसार योग का अभ्यास व्यक्तिगत चेतना को सार्वभौमिक चेतना के साथ जोड़ता है, जो मन और शरीर, मनुष्य और प्रकृति के बीच एक पूर्ण सामंजस्य का संकेत देता है। आधुनिक वैज्ञानिकों के अनुसार, ब्रह्मांड में सब कुछ एक ही क्वांटम आकाश की अभिव्यक्ति है।
विश्व योगदिवस 21जून की सुबह सुबह देश योगासन करता हुआ विभिन्न राज्यों तथा जिला पंचायत घरों में सामूहिक योग करने के दृश्य देखे गए।
योग करना हर इंसान को जरूरी होता है ताकि मावन जीवन मानसिक ,शारीरिक ,भौतिक वृद्धि में इजाफा करता है।