एफडीआर और सीबीटी की नई तकनीक से होगी हिमाचल की 3123 किलोमीटर सड़कें पक्की: विकास सूद

हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग ने पीएमजीएसवाई सड़क कार्यों के लिए हरित प्रौद्योगिकी को अपनाया।

प्रदेश के दस जिलों में खर्च होंगे 3205.62 करोड़, पीएमजीएसवाई की स्वीकृत 299 सड़कें तथा 22 पुलों को एफडीआर  की नई से होगा सड़कों और पुलों का निर्माण।

सुभाष ठाकुर*******

हिमाचल प्रदेश देश का दूसरा ऐसा राज्य जहां  लोकनिर्माण विभाग द्वारा एफडीआर तथा सीटीबी की नई तकनीक से सड़कों और पुलों का निर्माण किया जाएगा। नई तकनीकी से प्रदेश की सड़कों की दशा सुधारने के लिए लोकनिर्माण विभाग के मुख्य अभियंता विकास सूद खुद फीड में उतरकर अपने विभागीय के अधिकारियों से मीटिंग कर रहे हैं।

विदेशों में एफडीआर तथा सीटीबी तकनीक से सड़कों और पुलों का निर्माण कर मजबूती दी जाती है जिसके कारण विदेशों की सड़कें लम्बे समय तक मजबूत रहती है।

विदेशों की तकनीक के साथ  देश के सबसे बड़े राज्य उतर प्रदेश में हजारों किलोमीटर सड़कों का निर्माण इस नई तकनीक के साथ हो चुका है।

लोकनिर्माण विभाग के मुख्य अभियंता विकास सूद ने मंडी सर्किट हाउस में विभाग मीटिंग के दौरान यह जानकारी देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में भी प्रधानमंत्री सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तीसरे चरण का कार्य शुरू हुआ है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में हिमाचल प्रदेश के दस जिलों में 299 सड़कें तथा 22 पुलों का निर्माण पीएमजीएसवाई के तीसरे चरण के प्रोजेक्ट में शामिल है ।

उन्होंने कहा कि एफडीआर तथा सीटीबी निर्माण विदेश की नई तकनीक के साथ बड़ी बड़ी मिशनरियों द्वारा प्रदेश के दस जिलों में इस प्रोजेक्ट के साथ सड़कों का निर्माण कर लंबे समय तक मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पीएमजीएस योजना के तहत तीसरे चरण का कार्य शुरू किया जा रहा है। जिसे एफडीआर तथा सीटीबी प्रौद्योगिकी के तहत निर्माण कार्य करने की मंजूरी दी गई है।

लोकनिर्माण विभाग के मुख्य अभियंता विकास सूद ने कहा कि पहले चरण में नई सड़कों का निर्माण कर कनेक्टिविटी को जोड़ना था। दूसरे चरण में ऐसी सड़कों जहां अस्पतालों तथा मार्केटिंग दृष्टि को ध्यान में रखकर उन सड़कों का अपग्रेडेशन किया गया।
लोकनिर्माण विभाग के मुख्य अभियंता विकास सूद ने कहा कि विभाग वर्ष 2024 में पीएमजीएसवाई के तीसरे चरण के प्रोजेक्ट में 3123.083 किलोमीटर की विभिन्न 299 सड़कें तथा 22 पुलों की स्वीकृति मिली है । दस जिलों की विभिन्न  299 सड़कें पर 3065,92 करोड़ तथा 22 पुलों पर 139.7 करोड़ रुपए खर्च करने की मंजूरी मिली हुई है।

उन्होंने कहा कि हमीरपुर में 13 सड़कें एफडीआर और 32 सीटीबी की नई तकनीक से निर्माण कार्य किया जाएगा।

कांगड़ा में 27 एफडीआर और 10 सीटीबी कार्य, शिमला में 3 एफडीआर और 8 सीटीबी कार्य और मंडी में 20 एफडीआर तकनीकी से निर्माण कार्य किया जाएगा।

लोकनिर्माण मुख्य अभियंता विकास सूद ने जानकारी देते हुए कहा कि 63 सड़कें जिसकी लंबाई 674 किमी को एफडीआर  और 506 किमी लंबाई वाली 50 सड़कें सीटीबी के साथ नियम कार्य किया जाएगा।     उन्होंने कहा कि 113 सड़कों की लंबाई 1180 किमी बनती हैं, जिनमें से 621 किमी एफडीआर और 311 सीटीबी वाले 91 कार्य पहले ही विभिन्न एजेंसियों को टेंडर अवॉर्ड हो चुके हैं।

उन्होंने यह भी कहा है कि जागरूकता लाने के लिए सड़क का निर्माण कार्य होने पर बोर्ड लगाकर जानकारी दी जाएगी कि सड़क किस सामग्री से बनाई गई है और सड़क निर्माण पर कुल कितना पैसा खर्च किस सामग्री पर किया है ।

एफडीआर के लिए लगभग 55 लाख की लागत से एक किमी और सीटीबी के लिए लगभग 50 लाख प्रति किमी पर खर्च होगा । सड़क की चौड़ी 3.75 किमी चौड़ी होगी। एफडीआर, सुरक्षा कार्य, जल निकासी कार्य, संरचनाएं, एसएएमआई परत, बिटुमिनस कंक्रीट और साइनेज सहित कुल लागत लगभग 95 लीटर प्रति किमी है।

बॉक्स

अहमदाबाद ट्रांसलिंक द्वारा है प्रदेश के पीएमजीएसवाई चरण के प्रोजेक्टों का निर्माण कार्य एफडीआर और  सीटीबी  तकनीक से कार्य कर रही है। यह कंपनी इस  पहले एफडीआर कार्यों में काम अन्य जगहों पर  5000+ किलोमीटर की एफडीआर परियोजना को सफलतापूर्वक कार्य पूरा कर चुकी है।  ट्रांसलिंक कंपनी  शिमला में प्रत्येक जोन और पीएमयू मुख्यालय में एक टीम तैनात की है।

निर्माण कार्य  एजेंसियों का चयन करते समय यह सुनिश्चित किया गया है कि पर्याप्त अनुभव वाले योग्य ठेकेदार ही निविदा प्रक्रिया में भाग ले सकें, मुख्य अभियंता सूद ने यह जानकारी दी है कि हिमाचल से बाहरी राज्य की बड़ी कंपनी को यह नई विधि से निर्माण कार्यों का टेंडर अवॉर्ड हो चुके हैं ।

 

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