‘आत्मनिर्भर और समृद्धशाली हिमाचल’ का सपना हो रहा साकार
– ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू
मुख्यमंत्री
हिमाचल प्रदेश के 55वें पूर्ण राज्यत्व दिवस की सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई। इस शुभ अवसर पर आप सभी को नव वर्ष की भी हार्दिक बधाई। मैं कामना करता हूं कि वर्ष 2025 सभी के जीवन में सुख और खुशहाली लेकर आए तथा हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर राज्य बनने की राह पर तेजी से आगे बढ़े।
25 जनवरी, 1971 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने शिमला के ऐतिहासिक रिज से हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्यत्व का दर्जा प्रदान किया था। इसी के साथ देश के मानचित्र पर हिमाचल 18वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया।
हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्यत्व का दर्जा दिलाने में समस्त प्रदेशवासियों का भरपूर सहयोग और बेमिसाल योगदान रहा। इसमें हिमाचल निर्माता और प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार की भूमिका उल्लेखनीय रही। नाम मात्र संसाधनों के साथ अपनी विकास यात्रा शुरू करने वाला यह पहाड़ी राज्य आज जिस मुकाम पर पहंुचा है, उसमें डॉ. परमार का योगदान हम सभी के लिए प्रेरणादायक है, जिसे हमेशा गौरव और सम्मान के साथ याद किया जाएगा।
आज के इस शुभ अवसर पर मैं उन्हें नमन करता हूं तथा सभी के प्रयासों से प्रेरित होकर हिमाचल को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का अपनी सरकार का संकल्प दोहराता हूं।
हमारी सरकार ने 11 दिसम्बर, 2022 को जन सेवा का बीड़ा उठाया। मेरी सरकार के लिए सत्ता सुख का नहीं बल्कि सेवा का साधन है। पिछले दो वर्षों में हमने एक ओर जहां हिमाचल को आत्मनिर्भर और सबसे समृद्धशाली राज्य बनाने की दिशा में समर्पित प्रयास किए हैं, वहीं राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों के साथ-साथ इतिहास की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा का भी मज़बूती के साथ सामना किया।
पिछली सरकार हिमाचल प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज़ तथा कर्मचारियों की देनदारियों के रूप में लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ विरासत में छोड़ गई। भाजपा सरकार के खराब वित्तीय प्रबंधन के कारण आज हिमाचल को कर्ज़ का मूल और ब्याज चुकाने के लिए भी कर्ज़ लेना पड़ रहा है।
व्यवस्था परिवर्तन के संकल्प के साथ महत्त्वपूर्ण वित्तीय सुधार लाते हुए हमने एक वर्ष के भीतर संशोधित आबकारी नीति लागू कर 2,631 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया। शराब की दुकानों की नीलामी से 485 करोड़ रुपये का राजस्व और दूध उपकर से 145 करोड़ रुपये कमाए हैं। हमने प्रदेश के हितों की अदालतों में भी पूरी मज़बूती के साथ पैरवी की, जिसकी बदौलत कई मामलों में निर्णय हिमाचल के पक्ष में आये हैं। प्रदेश में साल 2023 में आई अभूतपूर्व प्राकृतिक आपदा से उबरने के लिए हमारी सरकार ने सीमित संसाधनों के बावजूद प्रभावित परिवारों को 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज दिया।
मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि विधानसभा चुनाव के दौरान हमने लोगों से किये 10 वायदों में से छः को पूरा कर लिया है। मंत्रिमण्डल की पहली ही बैठक में पुरानी पेंशन बहाल करने का निर्णय लिया गया जिससे प्रदेश के 1.36 लाख सरकारी कर्मचारियों तथा उनके परिवार के लाखों सदस्यों को लाभ मिला है। पुरानी पेंशन बहाल करने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बना है। प्रदेश में 7,355 से अधिक सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत पेंशन मिलनी आरम्भ हो गई है।
महिलाएं स्वाभिमान के साथ जीवनयापन कर सकें, इसके लिए हमारी सरकार ने इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना आरम्भ की है। चरणबद्ध तरीके से पात्र महिलाओं को 1500 रुपये की सम्मान राशि प्रदान की जा रही है।
शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए हमारी सरकार ने विशेष पहल की है। हमने सभी सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेज़ी माध्यम शुरू करने की गारंटी को भी पूरा किया है। सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में अत्याधुनिक तकनीक व उपकरणों से युक्त राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं। डॉ. वाई.एस परमार विद्यार्थी ऋण योजना के अंतर्गत देश-विदेश में शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को एक प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिया जा रहा है।
हमने युवाओं के लिए 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोज़गार स्टार्ट-अप योजना शुरू की है जिससे ई-टैक्सी खरीदने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान सहित अन्य लाभ दिए जा रहे हैं। सरकारी कार्यालयों में पांच वर्षों के लिए लीज पर ई-टैक्सियों का संचालन किया जाएगा। पहले चरण में लगभग 200 युवाओं को ई-टैक्सी परमिट प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। प्राकृतिक पद्धति से उगाए गए गेहूं को 40 रुपये और मक्की को 30 रुपये प्रति किलोग्राम के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्राकृतिक रूप से उत्पादित मक्की से तैयार ‘हिम भोग-हिम मक्की आटा’ लॉन्च किया गया है। प्रदेश के 1508 किसानों से 399 मीट्रिक टन मक्की की खरीद समर्थन मूल्य पर की जा चुकी है तथा किसानों के बैंक खातों में 1.20 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं।
पशुपालकों की आय में वृद्धि करने के लिए हमने गाय के दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य 32 रुपये से बढ़ाकर 45 रुपये प्रति लीटर किया है। इसी प्रकार, भैंस के दूध को 47 रुपये से बढ़ाकर 55 रुपये प्रति लीटर किया गया है। हिमाचल प्रदेश गेहूं, मक्की और दूध की खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला देश का पहला और एकमात्र राज्य है।
कांग्रेस के प्रतिज्ञा पत्र की छठी गारंटी पूरा करने तथा लघु किसानों और पशुपालकों को लाभ प्रदान करने के लिए 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से जैविक खाद और वर्मी कॉम्पोस्ट खरीदने की योजना शुरू की गई है।
विधवा, बेसहारा, तलाकशुदा महिलाओं और दिव्यांग माता-पिता के बच्चों को मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य लाभ सहित अन्य सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य में इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत 5,145 लाभार्थियों को 1.38 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। इस योजना से लगभग 23 हजार बच्चों को लाभ मिल रहा है।
हमने बागवानी क्षेत्र को विस्तार प्रदान करने के लिए 1,292 करोड़ रुपये की एच.पी. शिवा परियोजना भी शुरू की है। इसके अंतर्गत 6,000 हैक्टेयर क्षेत्र में अमरूद, संतरे, लीची और प्लम जैसे फलों की खेती को बढ़ावा प्रदान कर 15 हजार किसान परिवारों को प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित किया जाएगा।
हाल ही में मैने अपने निजी आवास पर लगे सभी बिजली मीटरों पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ने का फैसला लिया है। मैने प्रदेश के सभी साधन सम्पन्न लोगों से भी अपील की है कि वे भी सरकार के प्रयासों में भागीदार बनें और हिमाचल के विकास के लिए सब्सिडी को स्वेच्छा से छोड़ दें।
ग्रामीण अर्थिकी को मजबूत बनाने के लिए प्रदेश सरकार गंभीर प्रयास कर रही है। शिमला जिले के दत्तनगर में 50 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता का दूध प्रसंस्करण संयंत्र आरंभ किया गया है। कांगड़ा जिले के ढगवार में 1.5 से 3 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का स्वचालित दूध प्रसंस्करण संयंत्र और दूध उत्पाद प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। इसी प्रकार, कुल्लू, नाहन, नालागढ़, ऊना और हमीरपुर में भी आधुनिक तकनीक से लैस 50-50 हज़ार लीटर प्रतिदिन क्षमता के स्वचालित दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। बागवानों की आय में वृद्धि करने तथा बागवानों की मांग पर बागवानी उत्पादों की पैकिंग के लिए युनिवर्सल कार्टन की सुविधा प्रदान की गई है। मंडी मध्यस्थता योजना के अंतर्गत सेब, आम, किन्नू, माल्टा, संतरा, गलगल और नींबू के समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक वृद्धि की गई है। पिछली सरकार के लम्बित 90 करोड़ सहित सेब उत्पादकों की सभी देनदारियों का भुगतान करने के लिए 153 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। हमारी सरकार ने मनरेगा दिहाड़ी में 60 रुपये की वृद्धि कर इसे 240 से बढ़ाकर 300 रुपये किया है। समाज के संवेदनशील वर्गों के अधिक से अधिक लोगांे को लाभान्वित करने के लिए बीपीएल परिवारों की सूची में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है।
प्रदेश के बहुमूल्य पर्यावरण के संरक्षण के लिए क्रांतिकारी कदम उठाते हुए हमने 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल को ‘हरित उर्जा राज्य’ बनाने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश में छः ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किए जा चुके हैं। ज़िला चम्बा में प्रदेश के पहले ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी स्टेशन का निर्माण कार्य जारी है। सोलन ज़िले के नालागढ़ में एक मेगावाट की ग्रीन हाइड्रोजन परियोजना स्थापित की जा रही है। दिसंबर, 2028 तक प्रदेश में 500 मेगावाट सौर ऊर्जा दोहन का लक्ष्य रखा गया है। ऊना ज़िले के पेखूबेला में 32 मेगावाट सौर उर्जा परियोजना रिकॉर्ड समय में तैयार कर जनता को समर्पित की गई है। इलैक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए 327 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना के अंतर्गत लगभग 600 हैक्टेयर बंजर पहाड़ियों पर पौधरोपण किया जा चुका है।
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षण कार्य में गुणवत्ता लाने और विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने स्कूलों के क्लस्टर बनाए हैं। इस पहल से छात्रों और अध्यापकों के अनुपात में भी सुधार हुआ है। बच्चों को पौष्टिक भोजन देने के लिए मुख्यमंत्री पौष्टिक आहार योजना शुरू की गई है। इससे लगभग 15 हज़ार स्कूलों के 5.35 लाख से अधिक बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। 10वीं और 12वीं कक्षा के 10,552 मेधावी छात्रों को टैबलेट प्रदान किए गए हैं। राज्य में 850 शिक्षण संस्थानों को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा दिया गया है। प्रदेश के 6,297 प्राइमरी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं आरम्भ की गई हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर का शिक्षा अनुभव प्राप्त करने के लिए अध्यापकों को देश और विदेश के नामी शिक्षण संस्थानों का दौरा करने के लिए भेजा जा रहा है।
प्रदेश में 69 आदर्श स्वास्थ्य संस्थान बनाए जा रहे हैं। इनमें से 49 आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में 6-6 विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात किए जा चुके हैं। कैंसर मरीजों को इलाज सहित 42 प्रकार की दवाइयां मुफ्त प्रदान की जा रही हैं। आई.जी.एम.सी शिमला में नए कैंसर अस्पताल भवन और ट्रॉमा सेंटर का लोकार्पण किया गया है। हमीरपुर में कैंसर का उत्कृष्ट केंद्र स्थापित किया जा रहा है। चम्बा और हमीरपुर चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए 200-200 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं। अगले दो महीनों में आई.जी.एम.सी शिमला में पैट स्कैन मशीन स्थापित की जाएगी।
हमारी सरकार हिमाचल को जल पर्यटन के एक अग्रणी केंद्र के रूप में विकसित कर रही है। गोबिंदसागर सहित अन्य जलाशयों में पहली बार क्रूज़, शिकारा, हाउस बोट, हाई-टैक मोटरबोट, जैट-स्की और वॉटर स्कूटर सहित आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार सहित प्रदेश में 16 हेलीपोर्ट्स का निर्माण कार्य प्रगति पर है। हम प्रदेश में रोप-वे निर्माण से पर्यटन उद्योग को बढ़ावा दे रहे हैं। जिला शिमला में 1,734.40 करोड़ रुपये की लागत से दुनिया का दूसरा तथा भारत व ऐशिया का पहला 15 स्टेशनों को जोड़ने वाला 13.79 किलोमीटर लम्बा रज्जू मार्ग बनाया जा रहा है।
इस पहाड़ी राज्य के विकास में सड़कों के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए हमने सड़कों और पुलों के निर्माण में तेज़ी लाई है। पिछले दो सालों में 1,377 किलोमीटर लम्बी सड़कों और 116 पुलों का निर्माण किया गया। देश की आजादी के बाद पहली बार बड़ा भंगाल जैसे अति दुर्गम क्षेत्र को सड़क सुविधा से जोड़ने और शिमला जिले के डोडरा-क्वार तक पक्की सड़क पहुंचाने की पहल की गई है जिससे ये क्षेत्र भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ जाएंगे।
अनाथ बच्चों, बेसहारा महिलाओं और वृद्धजनों को सहारा देने के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना शुरू की गई है तथा 6,000 बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया गया है। हिमाचल प्रदेश अनाथ बच्चों और बेसहारा वर्गों को सहारा देने के लिए कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य बना है। हाल ही में 22 ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ को चंडीगढ़, दिल्ली व गोवा के 13 दिन के भ्रमण पर भेजा गया। रात्रि ठहराव के दौरान उन्हें दिल्ली और चंडीगढ़ में हिमाचल भवन के उन कमरों में ठहराया गया जिनमें मंत्री, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी ठहरते हैं। गोवा में उनके लिए तीन सितारा होटल की व्यवस्था की गई।
वर्तमान में 8.18 लाख लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। हमने पिछले दो वर्षों में पेंशन के 76 हजार से अधिक मामले स्वीकृत किए हैं। भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड से पंजीकृत पात्र विधवाओं, एकल, निराश्रित एवं दिव्यांग महिला श्रमिकों को गृह निर्माण के लिए 3 लाख रुपये की वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत 4,800 बेटियों को 24.20 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता और मुख्यमंत्री शगुन योजना के अंतर्गत 13,799 बेटियों को 42.78 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी गई है।
हमारी सरकार ने दो वर्ष के कार्यकाल में 39 हजार से अधिक युवाओं को नौकरियों के अवसर पर प्रदान किए हैं, जबकि पूर्व भाजपा सरकार अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में मात्र 20 हज़ार नौकरियां ही दे पाई।
प्रथमिक शिक्षा विभाग में 3,202 पद, महिला बाल विकास विभाग में 779, राज्य बिजली बोर्ड में 692, पशुपालन विभाग में 248, तकनीकी शिक्षा विभाग में 173, स्वास्थ्य विभाग में 709, हिमफैड में 239, युवा सेवा और खेल विभाग में 172 और पर्यटन विभाग में 142 पद भरे गए हैं।
प्रथमिक शिक्षा विभाग में 6,297, पुलिस विभाग में 1,088, जल शक्ति विभाग में 4,565, स्वास्थ्य विभाग में लगभग 2,500 पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है।
सरकारी क्षेत्र में रोज़गार प्रदान करने की एक सीमा होती है। इसके बावजूद हम अपने शिक्षित युवाओं को ज्यादा से ज्यादा सरकारी नौकरियां प्रदान करने के प्रयास कर रहे हैं।
हमारी सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों को मंहगाई भत्ते की तीन किस्तों में 11 प्रतिशत डी.ए. का भुगतान किया है। प्रदेश के पुलिस कर्मचारियों की डाइट मनी को भी 210 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये किया गया है।
प्रदेश में पहली बार तहसील और उप-तहसील स्तर पर विशेष राजस्व अदालतों का आयोजन किया गया। अब तक 2.09 लाख से अधिक इंतकाल, 11,416 तकसीम, 17,548 निशानदेही और 4,504 दुरुस्ती के मामलों का निपटारा किया गया है। वर्षों से लम्बित पड़े राजस्व मामलों का समाधन होने से उन सभी लोगों को बड़ी राहत मिली है जिन्हें वर्षों तक भूमि से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते थे।
हमारी सरकार ने युवा खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताआंे के विजेता खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि में उल्लेखनीय वृद्धि की है। हाल ही मंे प्रदेश के 21 अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को 14.77 करोड़ रुपये की इनाम राशि प्रदान की गई है। खिलाड़ियों की डाइट मनी व यात्रा सुविधा में भी वृद्धि की गई है। युवाओं को नशावृत्ति के चंगुल से बचाने के लिए राज्य सरकार कड़े कदम उठा रही है। युवाओं के नशामुक्ति एवं पुनर्वास के लिए राज्य स्तरीय सलाहकार बोर्ड गठित करने का निर्णय लिया गया है।
प्रदेश के दूर-दराज़ इलाकों में रहने वाले लोगांे को अपने छोटे-छोटे काम करवाने के लिए ज़िला मुख्यालय या राज्य सचिवालय आने की ज़रूरत न पड़े और उनके धन व समय की बचत हो, इस सोच के साथ हमने ‘सरकार गाँव के द्वार’ कार्यक्रम की शुरुआत की है। मैं खुद दुर्गम क्षेत्र डोडरा-क्वार और कुपवी के गांवों में गया और लोगांे की समस्याओं का समाधान करने के लिए वहां रात्रि ठहराव किया। मेरे मंत्रिमंडल के सहयोगी भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बन रहे हैं ताकि अधिकारियों की मौजूदगी में लोगों की समस्याआंे का तेजी से समाधान हो और दुर्गम क्षेत्रों के विकास को नया आयाम दिया जा सके।
मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि प्रदेश के विकास और जनकल्याण के हमारे संकल्प में हर बाधा को पार किया जाएगा। हमारी सरकार हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर और सबसे समृद्धशाली राज्य बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। मुझे पूरा भरोसा है कि इस संकल्प को पूरा करने में आप सभी प्रदेशवासियों का भरपूर सहयोग आने वाले वर्षों में भी मिलता रहेगा।
मैं, एक बार फिर आप सभी का हमारी सरकार को अपार समर्थन, सहयोग और स्नेह देने के लिए आभार व्यक्त करता हूं। मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूं कि हिमाचल प्रदेश तथा हिमाचल के प्रत्येक नागरिक की उन्नति, विकास और कल्याण के लिए हम पूर्ण समर्पण और निष्ठा से काम करते रहेंगे। एक बार पुनः आप सभी को पूर्ण राज्यत्व दिवस की हार्दिक बधाई।