मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लाखों कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली के बाद अन्य विभागों के छूटे हुए कर्मचारियों जैसे जिला परिषद कैडर के सचिवों को पंचायती राज विभाग में विलय करने की मुख्यमंत्री जल्द फैसला ले सकते हैं ।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से एनपीएस के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री से जिला परिषद कैडर के सचिवों को पंचायती राज विभाग में विलय करने के बारे में सचिवों का एक दल मिल चुका है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आश्वासन दीया है कि जल्द से जल्द जिला परिषद कैडर के सचिवों को पंचायती राज विभाग में विलय किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल के लाखों कर्मचारियों के हितैषी बन कर उभरे हुए हैं।
प्रदेश की कमजोर वित्तीय स्थिति के बावजूद हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर की ओर बढ़ता हुआ दिखने लगा है।
प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन करने वाली मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की कांग्रेस सरकार को केंद्रीय बीजेपी नेतृत्व से लेकर हिमाचल में विपक्ष में बैठी भाजपा ने प्रदेश सरकार को गिराने के लिए मिशन लॉट्स का असफल प्रयोग कर चुके थे । लेकिन प्रदेश की जनता ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह का भरपूर सहयोग दे कर उपचुनावों में विपक्ष में बैठी भाजपा को मुंह की खानी पड़ी।
पुरानी पेंशन बहाली का यह मुद्दा भाजपा के लिए केंद्र से हिमाचल तक आगे कुआं पीछे खाई साबित होने वाली है।
आने वाले 2027 के हिमाचल विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कन्या मास्टर स्ट्रोक भाजपा की मुश्किल खड़ी करने वाला सिद्ध साबित होगा।
केंद्रीय बीजेपी के लिए हिमाचल में वापसी करने का मतलब देश के अन्य राज्यों के चुनावों से हाथ तब धोना पड़ेगा जब हिमाचल प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को पेंशन मिल रही है तो देश के अन्य भाजपा शासित राज्यों के लाखों कर्मचारियों पुरानी पेंशन नहीं मिल पाने से महरूम होना पड़ रहा है।
इस लिय केंद्रीय भाजपा आने वाले चुनावों में बीजेपी हिमाचल में वापसी करने में अधिक रुचि नहीं दिखाएंगे।