माता बगलामुखी पण्डोह की चौखट से प्रदेश की सियासी उठा पटक का संदेश तो नहीं आने वाला !

सुभाष ठाकुर*******

कांग्रेस और भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को माता बगलामुखी की चौखट से प्रदेश की सियासी उठा पटक का कुछ संदेश तो जरूर हुआ है ।

राजनीति से ऊपर उठकर सामाजिक कार्यक्रमों और धार्मिक संस्थानों में इंसानियत का परिचय देते हुए नेताओं की चाय पर आपसी मुलाकात भी कुछ लोगों ने यह फोटो अपने सियासी रंग दिखाते हुए वायरल करना शुरू कर दिया है।

आने वाले दिनों में इन फोटो और इस वक्त का नतीजा कुछ भी हो लेकिन चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर होना लाजमी है।

कांग्रेस वरिष्ठ नेता ठाकुर कौल सिंह को पार्टी के कई लोगों द्वारा पिछले दो दशकों से निरंतर उन्हें उनके द्रंग विधानसभा चुनावों से हराने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री ,पूर्व मंत्री,विधायक तथा अपने ही तैयार किए हुए चेलों की दगाबाजी का धोखा झेलना पड़ा है।

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष को प्रदेश के मुख्यमंत्री पद तक पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के आशीर्वाद और सिराज कांग्रेस नेताओं की आपसी सियासी जंग ने मुकाम तक पहुंचाया हुआ है ।

सिराज बीजेपी ने अपने नेता की कद और काठी को बनाए रखने मेंअपनी बुद्धिमता दिखा कर सिराज को एक विधायक से ढाई साल पंचायती राज मंत्री और सीधा मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचा डाला।

लेकिन द्रंग विधानसभा क्षेत्र की जनता और कांग्रेस से जुड़े हुए कुछ भितरघातियों ने अपने ही नेता के पीठ पर अपनी महत्वाकांक्षी खंजर का सियासी उपयोग कर द्रंग के हमेशा हमेशा के लिए प्रदेश की सियासी मुकाम और विकास की ऊंचाइयों से गिरा डाला है।

कुछ लोगों ने शराब के लिए ,कुछ लोगों 500 के सूट बूट से द्रंग के हजारों गरीबों और युवाओं के भविष्य का सौदा किया हुआ है जिसका परिणाम आज पूरे जिले को भुक्ताना पड़ रहा है।

कांग्रेस वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री की यह मुलाकात अचानक माता के मंदिर में हुई भी होगी तो इसका असर आने वाले दिनों में बहुत ही गाहर हो सकता है।

हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की व्यवस्था परिवर्तन करने वाली कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह को बोर्ड और निगमों में शामिल करने या फिर पार्टी प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेवारी सौंपने की चर्चा पिछले दो सालों से लगातार होती रही लेकिन वरिष्ठ नेता को अभी तक पार्टी आलाकमान और प्रदेश सरकार के मुख्य द्वारा अभी तक कोई उचित कदम नहीं उठाए गए। जिसके चलते अब उनके समर्थकों में भी पार्टी के प्रति दिलचस्वी कम होती दिखाई देने लगी है वहीं वरिष्ठ नेता ठाकुर कौल सिंह भी सरकार के मंत्रियों के जिले में होने वाले आयोजनों से दूरियां बना सकते हैं।

पार्टी हाइकमान तक यह फोटो रुकने वाले नहीं । क्योंकि ठाकुर कौल सिंह की चर्चा कई दशकों से पार्टी हाइकमान तक विभिन्न चर्चा पहुंचती जाती रही जबकि उन चर्चा का जमीनी हकीकत से कोई वास्ता तक नहीं रहा

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