नगर निगम मंडी के वार्ड नंबर 14 गुटकर के सामने हज़ारों टन मिट्टी सूकेती नदी के किनारे फेंकी जा रही है, लेकिन प्रशासन मूक दर्शक बन कर बैठा हैl गैर कानूनी तरीके से सड़क के किनारे jCV से पहाड़ों की कटाई पर सरकार ने रोक लगा रखी है l लेकिन पूरे क्षेत्र में रात दिन पहाड़ काटे जा रहे है l इन पहाड़ों पर बान का जंगल, जिस के काटने पर सरकार ने रोक लगा रखी है, सेंकड़ों की तादाद में पेड़ उखाड़ दिए , लेकिन वन विभाग तमाशा देख रहा है l
सुकेती नदी के किनारे गैर कानूनी तरीके से मक – डंपिंग और रेत बजरी निकालने का मामला : बी आर कोंडल

अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी की अध्यक्षता में जो कमेटी ग्रीन ट्राइब्यूनल के आदेश के बाद राज्यपाल हिमाचल प्रदेश ने साल 2019 में गठित की है, मंडी जिले में कोई कार्यवाही नहीं कर रही है l इस कमेटी के लिए जो एक गैर सरकारी संगठन को बतौर सदस्य मनोनीत करना था, वह भी जिलाधीश ने अभी तक नहीं मनोनीत किया है l यह जानकारी सूचना के अधिकार अधिनियम से मांगी गई थी l लेकिन किसी भी NGO का नाम उस में नहीं दिया गया हैl
स्पष्ट है कि प्रशासन ग्रीन ट्राइब्यूनल और राज्यपाल के आदेशों की भी अनदेखी कर रहा हैl इस सम्बंध में शीघ्र मामला ग्रीन ट्राइब्यूनल को भेजने पर विचार चल रहा है l
नगर निगम से मिली जानकारी के अनुसार बहना वार्ड नंबर 14 नगर निगम में किसी को भी नदी किनारे मिट्टी फेंकने की इजाजत नहीं दी गई है और न इस के लिए कोई स्थान चिह्नित किया गया है l राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण भी किसी प्रकार की डंपिंग किए जाने से इंकार कर रहा हैl फिर प्रश्न उठता है कि प्रशासन के नाक तले कौन यह हजारों-लाखों टन मिट्टी डंपिंग करवा रहा है तथा किस कानून के अंतर्गत हो रही है l
डी .सी. मंडी से अनुरोध है कि इस की शीघ्र जांच करवाये और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही अमल में लाएं l