हिमाचल-अरुणाचल की भौगोलिक समानता के आधार पर ग्रामीण आजीविका मिशन को मिलेगा बल I

अमर ज्वाला // मंडी,कुल्लू

अरुणाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (ArSRLM) के जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों का 20 सदस्यीय दल, राज्य मिशन प्रबंधक श्री गायमर टाटा के नेतृत्व में, हिमाचल प्रदेश के मंडी एवं कुल्लू जिलों में तीन दिवसीय आजीविका अनुभव यात्रा पर पहुंचा।

यात्रा के दौरान दल ने मंडी जिले के नगवाई में स्थित “किसान विकास समिति” द्वारा संचालित फल एवं सब्जी प्रसंस्करण इकाई का दौरा किया, जहां जैम, जूस, अचार आदि निर्माण की विधियों की जानकारी ली। समिति अध्यक्ष श्री जोगिंदर वालिया ने बताया कि संस्था 2007 से किसानों के उत्पादों के मूल्य संवर्धन एवं महिला सशक्तिकरण पर कार्य कर रही है, जिससे इस वर्ष 1200 से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं। सचिव कर्म चन्द व कार्यक्रम समन्वयक अभिषेक ने दल को अपनी संस्था कि और से पूर्ण सहयोग देने का भरोसा दिया और इस तरह के संस्थान स्थापित करने में सहयोग दिया जायेगा I

5 जून को दल ने कुल्लू जिले के बबेली में “शीहाट” संस्था का दौरा किया, जो स्वयं सहायता समूहों के क्लस्टर लेवल फेडरेशन द्वारा संचालित है और जिला विकास प्राधिकरण, पीपल फॉर हिमालयन डेवलपमेंट व आईशर समूह के सहयोग से कार्यरत है। वहां हस्तशिल्प एवं फल आधारित उत्पादों की इकाइयों का निरीक्षण किया गया।

6 जून को शमशी स्थित जिला बागवानी विभाग के सामुदायिक सुविधा केंद्र एवं “भूटीको” सहकारी संस्था का भ्रमण किया गया। भूटीको में कुल्लू शाल निर्माण में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी पर चर्चा हुई।

समापन समारोह में श्री गायमर टाटा ने हिमाचल के सभी सहयोगी संगठनों का आभार जताते हुए कहा कि “हिमाचल एवं अरुणाचल की भौगोलिक समानताओं को देखते हुए ग्रामीण आजीविका में आपसी सहयोग से गरीबों के जीवन स्तर को ऊपर उठाया जा सकता है।” उन्होंने दोनों राज्यों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी की संभावना पर बल दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *