मंडी जिला के जंगलों में मां से बिछड़कर तीन दिनों से भटक रहे तीन नन्हे सकरालू (साही) के बच्चों को शनिवार को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर वन विभाग की मंडी टीम को सौंप दिया गया। इस मानवीय प्रयास में स्थानीय पशु प्रेमी दिनेश जमवाल और युवा पत्रकार विप्लव सकलानी ने अहम भूमिका निभाई।
*तीन दिनों से भटक रहे थे बच्चे*

यह नन्हे सकरालू लूणापानी क्षेत्र के गांव मैरा (मानपुरा) के समीप जंगल में एक जल स्रोत के पास देखे जा रहे थे। गांव के दिनेश जमवाल बीते तीन दिनों से इन बच्चों पर लगातार नजर रखे हुए थे। जब लगातार तीसरे दिन भी बच्चों की हालत नाजुक होती दिखी, तो उन्होंने तत्काल अपने मित्र विप्लव सकलानी से संपर्क किया।
*वन विभाग को सौंपे गए बच्चे*

सूचना मिलते ही विप्लव सकलानी ने तत्परता दिखाई और मंडी के डीएफओ वासु डोगर व आरओ अजय चंदेल से संपर्क साधा। वन रक्षक लेखराज शर्मा ने बच्चों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया और वन विभाग के हवाले कर दिया।
*वन्य जीव संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता*
यह घटना न सिर्फ मानवता और पशु प्रेम का उदाहरण है, बल्कि युवा पीढ़ी को वन्य जीवों के प्रति संवेदनशील बनने की प्रेरणा भी देती है। विप्लव सकलानी द्वारा छेड़ी गई यह मुहिम वन्य जीव संरक्षण के क्षेत्र में एक नई आशा की किरण बनकर उभरी है।
*पिछले सप्ताह भी किया था रेस्क्यू*
पिछले सप्ताह भी विप्लव सकलानी द्वारा एक जंगली खरगोश के बच्चे को देर रात को भटके हुए बच्चे को वन विभाग के वन रक्षक को सौंपा गया था। यह उनकी वन्य जीवों के प्रति संवेदनशीलता और समर्पण को दर्शाता है।