अमर ज्वाला //शिमला
जनता द्वारा चुना हुआ एक प्रतिनिधि संवैधानिक पद पर बैठकर पद की गरिमा को लांघ कर सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों को अपना गुलाम समझ कर मार पीट करने में शामिल होता है और कानून अपने हाथों से तोड़ दें तो समझ लें कि जनता भी ऐसे प्रतिनिधि से खौफ ही खाएगी।
मामला हिमाचल सरकार के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह से जुड़ा हुआ है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्रा धिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों के साथ मारपीट के मामले में हिमाचल के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर दी है। एनएचएआई शिमला के प्रबंधक अचल जिंदल की शिकायत पर ढली थाने में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
सोमवार को भट्ठाकुफर की माठू कॉलोनी में पांच मंजिला इमारत के जमींदोज होने के बाद पंचायती राज मंत्री प्रशासन के साथ मौके पर पहुंचे थे। आरोप है कि मंत्री समेत कुछ लोगों ने एनएचएआई के दो अधिकारियों से कमरे में ले जाकर मारपीट
की। लहूलुहान दोनों अधिकारी मौके से जान बचाकर भागे यह सारी जानकारी पीड़ित द्वारा एक कोरे कागज पर हिंदी में लिखित शिकायत की हुई है और वहीं शिकायत सोशल मीडिया में भी वायरल की गई है। शिकायत में कहा गया है कर प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में मारपीट करने का आरोप है। उधर, केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को फोन मामले पर कड़ी आपत्ति जताई है। सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने के साथ गडकरी ने सीएम को पत्र लिखकर घटना को निंदनीय बताते हुए तत्काल कार्रवाई करने और अधिकारियों को सुरक्षा देने के लिए बोला है।
एनएचएआई के प्रबंधक अचल जिंदल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 30 जून को उप मंडलाधिकारी शिमला ग्रामीण ने उन्हें अपने कार्यालय में सुबह 11:30 बजे बैठक के लिए बुलाया।
वह और साइट इंजीनियर योगेश वर्मा जब एसडीएम ग्रामीण कार्यालय में पहुंचे तो वह वहां मौजूद नहीं थे। उन्हें भटठाकुफर आने के लिए कहा गया। जब दोनों मौके पर पहुंचे तो एसडीएम ग्रामीण के साथ मंत्री अनिरुद्ध सिंह और कुछ लोग मौजूद थे।
जिंदल ने पुलिस को बयान दिया कि इस दौरान मंत्री को बहुमंजिला भवन गिरने के बारे में विस्तार से बताया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री ने उनके साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। इसके बाद दोनों अधिकारियों को समीप के ही एक निजी व्यक्ति के कमरे में बुलाया। आरोप है कि लोगों की मौजूदगी में मार पीट शुरू हुई।
मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है पुलिस ने मेडिकल करवाने के बाद पंचायती राज मंत्री और अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 132,121(1) 352,126 (2) ओर 3(5)के तहत मामला दर्ज किया गया है