अमर ज्वाला //मंडी
मंडी। शहर में पिछले चार दिनों से चल रहे पेयजल संकट से स्थाई रूप से निजात दिलाने के लिए शहरवासियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। स्थानीय वासियों ने उपायुक्त मंडी के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में मंडी शहर की बार-बार बाधित होने वाली पेयजल आपूर्ती के कारणों की तलाश करके इसे हमेशा के लिए दुरूस्त करने तथा शहरवासियों को नियमित रूप से पेयजल उपलब्ध करवाने के अन्य विकल्पों पर कार्य करने के निर्देश जल शक्ति विभाग को देने की मांग की है। स्थानीय वासियों के ज्ञापन के अनुसार विगत 29 जुलाई को हुई बारिश के कारण मंडी शहर की पेयजल व्यवस्था ठप्प पड़ी है। शहरवासियों को पिछले चार दिनों के दौरान पानी की एक बूंद भी नसीब नहीं हुई है। जिसके कारण शहर में पानी के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है। लोगों को घरों से दूर स्थित प्राकृतिक स्त्रोतों से पीने का पानी लाना पड़ रहा है। जबकि पेयजल आपूर्ती न होने के कारण घरों के शौचालय गंदगी से भर गए हैं। शहरवासियों के मुताबिक ऐसे हालात शहर में पहली बार नहीं बने हैं। इससे पहले भी अनेकों बार मामूली बारिश पड़ते ही पेयजल आपूर्ती ठप्प हुई है। खासकर यह स्थिति कमांद से नयी पेयजल आपूर्ती की स्कीम शुरू होने से ज्यादा खराब हुई है। करीब 100 करोड़ की इस महत्वाकांक्षी योजना के लागू होने से पूर्व यह दावे किए गए थे कि इस योजना के कार्यरत होने के बाद शहरवासियों को 24 घंटे पेयजल आपूर्ती की जाएगी। लेकिन योजना लागू होने के बाद अब मामूली बारिश के बाद शहरवासियों की पेयजल आपूर्ती को कई दिनों तक बाधित करने का सिलसिला शुरू हो गया है। उनका कहना है कि पुरानी पेयजल स्कीम के समय जब व्यास नदी का पानी बढ़ जाता था तो पानी के बढ़े रहने की अवधि तक ही पेयजल आपूर्ती बाधित रहती थी और जलस्तर कम होते ही पेयजल आपूर्ती बहाल हो जाती थी। लेकिन नयी पेयजल योजना के लागू करने के बाद लगता है कि पुरानी पेयजल स्कीम को बिल्कुल बंद कर दिया गया है। अगर नयी पेयजल योजना बाधित होती है तो पुरानी पेयजल योजना को भी विकल्प के रूप में प्रयोग करके शहरवासियों को पेयजल आपूर्ती की जानी चाहिए। उनके अनुसार मंडी शहर में रियासत कालीन समय से अनेकों प्राकृतिक पेयजल स्त्रोत मौजूद हैं। उनका पानी निरंतर व्यर्थ बहता रहता है। इस पानी को टैंक में एकत्र करके शहरवासियों को पेयजल आपूर्ती की जा सकती है। लेकिन जल शक्ति विभाग इन विकल्पों पर कोई योजना बनाने में अभी तक असफल रहा है। लोगों का कहना है कि शहर के चुनिंदा सुविधा सम्पन्न लोगों के लिए तो पानी के टैंकर खरीदने का विकल्प मौजूद है। लेकिन आम नागरिक पानी के टैंकर खरीदने और उन्हें मुहल्लों की संकीर्ण गलियों तक पहुंचाने में सक्षम नहीं है। शहर में पेयजल व्यवस्था ठप्प हो जाने के कारण अनेकों बीमारियों के फैलने की आशंका है। ऐसे में कोई नयी आपदा शहरवासियों को प्रभावित कर सकती है। ज्ञापन को स्थानीय वासी समीर कश्यप, मनीष कटोच, दीपक ठाकुर, तरूण दीप, भारत भूषण अंकुश वालिया, खेम चंद, हुक्म चंद वर्मा, तापे राम, नरेन्द्र कुमार, डिंपल, बी आर जमवाल, सुशील चौहान, राजेश जोशी, अनुपम कश्यप, सतीश ठाकुर, हंस राज, वीरेन्द्र, तेजिन्द्र सिंह, रवि बधान, राकेश, केतन शर्मा, विनोद कुमार, कमलेश, लाल सिंह, एम के शर्मा, दीपक शर्मा, गंगेश, अभिषेक लखनपाल, रोहित ठाकुर, विकास चंद्र, नवीन राणा, देशमित्र ठाकुर, दलीप, कमलेश शर्मा व अन्य स्थानिय लोगों ने हस्ताक्षरित किया है। स्थानीय वासियों का कहना है कि इस समस्या को तत्परता से हल किया जाए अन्यथा पेयजल आपूर्ती न होने के कारण शहरवासियों में इकठ्ठा हो रहा रोष किसी बड़े प्रतिरोध को जन्म दे सकता है। जिसके लिए सरकार, प्रशासन और विभाग की कार्यप्रणाली जिम्मेवार होगी।