उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के करीबियों में नव नियुक्त कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष , उनके करीबियों के हौंसले होंगे संगठन में बुलंद
सुभाष ठाकुर*******
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस को आखिरकार एक साल बाद नया प्रदेशाध्यक्ष मिल गया है। कांग्रेस की सत्ता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के हाथों में तो संगठन उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के करीबी विनय कुमार को इस पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है, नवनियुक्त कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के खास करीबियों में एक हैं। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कुछ माह पहले ही विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार के नाम की लॉबिंग तेज कर दी थी । विनय कुमार का नाम कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के लिए खुलकर सामने आते ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबियों में हलचल मच गई कि संगठन के एहम पदों से मुख्यमंत्री के करीबियों को दूर रखा जाएगा । इसी बीच कांग्रेस के कई नेताओं और मंत्रियों के नामों की एंट्री तक शुरू हुई कि यह नाम भी प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हुए हैं जैसे शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह , विनोद सुल्तानपुरी, संजय अवस्थी, आरएस बाली के नाम मुख्यमंत्री के करीबियों में शामिल सोशल मीडिया की चर्चा में शामिल हुए और कांग्रेस राष्ट्रीय नेतृत्व तक इन मानों पर खूब चर्चा चली रही।
कांग्रेस राष्ट्रीय नेतृत्व ने पूरे एक वर्ष तक हिमाचल कांग्रेस संगठन को पूरी तरह से शून्य बना रखा ताकि पार्टी की गुटबाजी को करीब से समझने का मौका मिल सके। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व यह चाहता था कि संगठन की जिम्मेवारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के द्वारा सुलझाया गया कांग्रेस नेताओं के नाम की घोषणा की जाएगी । लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की प्रतिमा के अनावरण के जश्न में जुटी भीड़ ने कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी ,प्रियंका गांधी , प्रभारी रजनी पाटिल, पूर्व केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट, सभी ने देखा कि हॉलीलॉज समर्थकों को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है।
हॉलीलॉज की तरफ से तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह द्वारा मंच से पूर्व अध्यक्ष कुलदीप राठौर के कार्यकाल की खुलकर खूब प्रशंसा की जिससे यह साबित हुआ था कि राठौर के नाम पर हॉलीलॉज के नेता समर्थन पर है । जबकि हकीकत यह है कि पूर्व में कुलदीप राठौर को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान अच्छे परिणाम देने के बाद भी उन्हें हटाने के लिए कौन कौन नेता पार्टी शीर्ष नेतृत्व के समक्ष पैरवी कर चुके थे यह भी देखना जरूरी था। राजनीतिक सियासी चाल में जो दिखता है असल में होता नहीं । वैसा ही पूर्व अध्यक्ष कुलदीप राठौर के नाम के साथ भी हुआ जब हिमाचल में बीजेपी की सरकार के कार्यकाल में मंडी संसदीय क्षेत्र से उपचुनाव और तीन विधानसभा के आठ साथ नगरनिगम चुनावों में कांग्रेस ने राठौर के कार्यकाल में अच्छा प्रदर्शन किया था उस उन्हें प्रदेशाध्यक्ष के पद से पीछे करने के लिए कौन नेताओं ने राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात भी करते रहे।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार को उस वक्त भी बचाया जब भाजपा के मिशन लॉट्स कामयाब नहीं होने दिया।
जाहिर सी बात है कि नवनियुक्त कांग्रेस अध्यक्ष मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सहमति से कांग्रेस आलाकमान ने विनय कुमार के नाम की घोषणा की है लेकिन संगठन की टीम में शामिल एक ही नेता के करीबियों को नहीं बल्कि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, हॉलीलॉज तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं की सहमति से जिला अध्यक्षों तथा अन्य पदाधिकारियों की टीम बनना तय हो चुका है।
पंचायती राज संस्था के चुनावों से पहले संगठन ब्लॉक स्तर पर खड़ा करना अनिवार्य होगा।ताकि पंचायती चुनावों में कांग्रेस अधिक से अधिक प्रधान, बीसीसी और जिला परिषद सदस्यों जीता सके।
नवनियुक्त कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष विनय कुमार के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में अपनी ही सरकार से हो रही अनदेखी के कारण खामोशी छाई हुई है।
विनय कुमार के सामने सबसे बड़ी चुनौती संगठन को मजबूत करना और पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना है। उन्हें पूर्व प्रदेशाध्यक्षा प्रतिभा सिंह, उपमुख्यमंत्री, पूर्व प्रदेशाध्यक्षों और अन्य नेताओं का एक मंच पर लाने में कामयाब होना होगा। इसके अलावा, सरकार में उनके समर्थकों को शामिल करना भी एक बड़ी चुनौती होगी।
हिमाचल कांग्रेस की सरकार के तीन साल के कार्यकाल में कुदरत ने भी बरसात में जनमानस को बहुत गहरे जख्म दिए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश की कमजोर आर्थिकी के चलते राज्य सरकार को बचाए रखने में कामयाब हुए हैं, लेकिन पार्टी कार्यकताओं की भावनाओं को समझते हुए उन्हें संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं।
विनय कुमार की नियुक्ति से कांग्रेस को 2027 के विधानसभा चुनावों में मजबूती मिलने की उम्मीद है, लेकिन इसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी होगी। भाजपा की गुटबाजी का लाभ उठाने के लिए उन्हें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ मिलकर काम करना होगा।
बॉक्स
जिला तथा ब्लकाध्यक्षों के नामों की घोषणा तक नेताओं की आपसी खूब खींचतान देखने को मिलती रहेगी।कांगड़ा ,मंडी और शिमला जिला के अध्यक्ष के नामों पर सभी की नजर बनी रहेगी । देखना यह होगा कि नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष जातीय समीकरण को देख कर अपनी टीम का चयन करेंगे या फिर अपने करीबियों की टीम का चयन कर समर्थकों का दल खड़ा किया किया जाएगा ।
