अमर ज्वाला //धर्मशाला
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केंद्र धर्मशाला में मानविकी एवं वाणिज्य विषयों पर आधारित छह दिवसीय राष्ट्रीय शोध कार्यशाला का आज समापन हुआ।
कार्यशाला के अंतिम दिवस एनआईटी हमीरपुर के सहायक आचार्य डाॅ. सचिन द्वारा मोडरेशन इन स्मार्ट पीएलएस विषय पर दो विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती पूजन एवं दीप प्रज्वलन और विश्वविद्यालय कुलगीत के साथ किया गया। मंच संचालन हिन्दी विभाग के समन्वयक डाॅ. संजीव डढवाल ने किया।
समापन दिवस पर आयोजित विदाई समारोह में क्षेत्रीय केंद्र धर्मशाला के निदेशक प्रो. कुलदीप अत्री मुख्य अतिथि तथा विधि विभाग के प्राचार्य प्रो. डीपी वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि प्रो. अत्री ने अपने संबोधन में कहा कि शोध एक सतत प्रक्रिया है, जिसमें शोधार्थियों को विशेष रूप से सामाजिक विज्ञान और वाणिज्य क्षेत्र में उपलब्ध तथ्यात्मक सामग्री का मूल्यांकन करना चाहिए ताकि शोध की मौलिकता और गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने तकनीकी युग में इंटरनेट संसाधनों के उपयोग में सावधानी बरतने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि शोध में पुनरावृत्ति और साहित्यिक चोरी को रोका जा सके।
उन्होंने कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए कुलपति, विश्वविद्यालय प्रशासन तथा पूरे स्टाफ का धन्यवाद किया।
कार्यशाला के संयोजक डाॅ. हेत राम ठाकुर ने कार्यक्रम का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। समापन सत्र में कुल 100 प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
कार्यशाला के सह संयोजक डाॅ. कुलदीप चन्देल, डाॅ. किशोर कुमार, डाॅ. राज कुमार, डाॅ. तिलक राज, डाॅ. विजेता पठानिया, डाॅ. श्वेता पठानिया, डाॅ. नमिता राणा, डाॅ. सुखवीर, डाॅ. विपिन, डाॅ. रोहित वर्मा, डाॅ. धीरज तथा कंचन बाला की उपस्थिति और योगदान से कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
