***गैर कानूनी कारोबार क्रिप्टो, बीटीसी ट्रेड मार्ट, क्यूर्व जैसी अनेकों डिजिटल करंसी के होने लगे बड़े खुलासे

*** डिजिटल करंसी की समय पर कार्यवाही न कर लोगों के हजारों करोड़ों रुपए डूबे

सीबीआई की जांच हुई तो आंच से सबसे अधिक किसको डर ?
सुभाष ठाकुर*******
क्रिप्टो, बीटीसी ट्रेड मार्ट, क्यूर्व जैसी डिजिटल करंसी के नाम लोगों को गैर कानूनी कारोबार से लाखों लोगों की कमाई के हजारों करोड़ों डूबने के दिन पार्टी दिन खुलासे होने लगे हैं । सबसे पहले अमर ज्वाला  समाचार पेपर ने 16 नवंबर से 22नवंबर 2021 को डिजिटल करंसी का कारोबार गैर कानूनी तरीके से फल फूल रहा था। जिसका परिणाम दो वर्ष बाद कांग्रेस की सरकार आने के बाद कार्यवाही अमल में लाई जा रही है।इ स गोरख धंधे के खिलाफ मंडी एसपी शालिनी अग्निहोत्री के पास मंडी के सदर लोगों द्वारा मनोज ठाकुर कहनवाल , विराट तथा चमन चंदेल द्वारा देहरा के विजय रैना ,मंडन शर्मा तथा अन्य लोगों के खिलाफ लिखित शिकायत की हुई है। पूर्व की बीजेपी सरकार में कार्यवाही सख्ती से नही हो पाई लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में अब सख्ती से कार्यवाही होनी शुरू हुई है ।  डिजीटल करंसी के इन कारोबारियों द्वारा लोगों को कम समय में कई गुणा पैसा कमाने के झांसे में फंसाने वालों की फोटो पिछले दो वर्षों से प्रदेश के पुलिस महकमे के आलाधिकारियों के पास लिखित शिकायतें और उनके फोटो तथा आवास के पत्तों के साथ जानकारी दी गई थी।

प्रदेश पुलिस विभाग के आलाधिकारियों को कार्यवाही करने से किसने रोका या पुलिस विभाग के आलाधिकारियों की आईडी भी उन डिजिटल करंसी के कारोबारियों द्वारा डॉलर की कमाई के लिए उनके मोबाईल फोनों में बना कर उन्हे भी अपने गैर कानूनी कारोबार में शामिल किया हुआ था ? जिसके चलते पीड़ितों की शिकायतों पर सख्ती से कार्यवाही अमल में नही लाई गई।

अमर ज्वाला को पुख्ता जानकारी मिली हुई है कि कुछ पुलिस अधिकारियों के साथ साथ अन्य सरकारी विभागों से सेवा निवृत तथा अधिकारी कर्मचारी द्वारा भी करोड़ों रुपए उपरोक्त डिजिटल करंसी में लगाए हुए है ।
देश के विभिन्न राज्यों में यह डिजिटल करंसी के नाम फलते फूलते गैर कानूनी कारोबार पर केंद्र की मोदी सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने में नाकाम साबित हुई है।
सीबीआई जांच हुई तो देश के कई मंत्री , सांसद ,विधायक उद्योगपतियों तथा नेताओं से लाकर लाखों लोगों में सबसे अधिक मध्यम वर्गों के पैसे डूबे हुए पाए जाएंगे। क्योंकि डिजिटल करंसी से जुड़े हुए लोगों से जानकारी मिल रही है कि डिजिटल करंसी से जुड़े हुए मुख्य किंगपीनों द्वारा ऊंची पहुंच बालों को लाभ का जिसेदार बनाया जाता रहा लेकिन माध्यम वर्गों के पैसे एक बार बढ़त के साथ दिए गए लेकिन दूसरी बार सारे पैसे विभिन्न डिजिटल करंसी में जमा करवा कर दिए गए।
जब उपभोक्ताओं द्वारा अपने पैसे की वापसी का इंतजार करने लगते थे तो शातिरों द्वारा कहा जाता था कि पुरानी वाली कंपनी में कुछ पीछे से समस्या चल रही है आप इस दूसरी डिजिटल करंसी में अपने डॉलर एक्सचेंज कर और पैसे लगा दो ताकि आपको सारे पैसे जल्द से जल्द पूरे हो सकें ऐसे झांसे दे कर इन्हे शातिरों ने हिमाचल ही नही देश के अनेकों राज्यों के लाखों लोगों को अपने झांसे में फंसा कर हजारों करोड़ों रुपए देश से बाहर तथा बड़े बड़े राज्यों में अपने कारोबार खड़े कर चुके हैं।
डिजिटल करंसी की फर्जी वेबसाइट बना कर लोगों की ठगी करने बालों की सीबीआई जांच हुई तो प्रदेश ही नहीं देश की नामी हस्तियों तक जांच की आंच पहुंचेगी।
डिजिटल करंसी के नाम गैर कानूनी कारोबारियों द्वारा सैकड़ों सेवा निवृत फोजियों को भी अपने झांसे में फंसा कर उनकी कड़ी मेहनत के लाखों करोड़ों रुपए डुबोए हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के देहरा विधानसभा क्षेत्र से विजय रैना, तथा प्रदेश के अन्य क्षेत्र से राकेश, अमित शर्मा, मदन शर्मा जैसे नामों के खिलाफ शिकायतें पुलिस विभाग के पास एक वर्ष से दी गई हुई है लेकिन उन्हें आज तक गिरफ्तार नही किया गया है।
लोगों के करोड़ों रुपए की कमाई को फर्जी डिजिटल करंसी के दस्तावेज बनाकर लोगों को ठगी शिकार बनाया हुआ है।
मंडी जिला में सबसे पहले मंडी , सदर से मनोज कुमार केहनवाल 12लाख, विराट 13 लाख, चमन चंदेल 24 लाख की लिखित शिकायत मंडी एसपी के पास एक वर्ष पहले हो चुकी थी। इनकी शिकायत पर विभाग द्वारा सख्ती से कार्यवाही की हुई होती तो हजारों लोगों लूटने से बचाया जा सकता था।
मंडी सदर से यह मामला अब बल्ह पुलिस चौकी में भेजा गया है । पीड़ितों ने जानकारी दी है कि वर्तमान सरकार में उनकी शिकायत पर सख्ती से कार्यवाही की जा रही है उन्होंने बताया कि पूर्व सरकार द्वारा समय रहते कार्यवाही की होती तो हजारों लोगों के करोड़ों रुपए डुबोने से बचाया जा सकता था ।
अमर ज्वाला को जानकारी देते हुए कहा कि हमीरपुर जिले के कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने बड़े बड़े नेताओं के साथ फोटो लेकर कर सरकारी विभागों के अधिकारियों , ठेकेदारों , तथा कई बड़े उद्योगपतियों को उन फोटो को दिखा कर यह बोलते रहे कि देखें ये प्रदेश के सबसे बड़े बड़े नेताओ के साथ हमारे संबंध है । यानी कोई भी उनका कुछ नही बिगाड़ सकता है। यह पैसे कमाने के लिए बहुत अच्छा प्लेटफार्म बता कर लोगों के करोड़ों रुपए डुबोए गए।

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