*** जैम पोर्टल की खरीद खरीद फरोख्त तथा मैडिकल कॉलेज के वीआरडीएल प्रोजेक्ट में रिश्तेदारों की नियुक्ति को लेकर स्वास्थ्य सचिव को भेजी लिखित शिकायत
*सुभाष ठाकुर********
हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में दवाइयां तथा स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद फरोख में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप पिछले कई वर्षों से लगते आ रहे हैं । विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कोई उचित कदम नहीं उठाया जा रहा है।
लालबहादुर शास्त्री मैडिकल कॉलेज में हुए करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप किसी आम जनता द्वारा नही बल्कि मैडिकल कॉलेज के अपने ही अधिकारियों द्वारा कॉलेज प्रबंधन के जिम्मेवार आलाधिकारियों पर कई गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप स्वास्थ्य सचिव को लिखित शिकायत कर चुके हैं।
प्रदेश सरकार का स्वास्थ्य विभाग खुद भ्रष्टाचार की बीमारी से ग्रस्त हुआ दिखाई दे रहा है, क्योंकि कई वर्षों से लालबहादुर शास्त्री मैडिकल कॉलेज में दवाइयों की खरीद फरोख्त , स्वास्थ्य उपकरणों, टेबल , अलमीरा , कुर्सियां , बैड, विद्युत चोरी, कॉलेज के आवासों की सबलेटिंग के मामलो पर हुए भ्रष्टाचार का इलाज नहीं हो पा रहा है। कॉलेज में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत एलबीएस मैडिकल कॉलेज के अधीक्षक ग्रेड दो द्वारा ही नही बल्कि पूर्व में एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी स्वास्थ्य सचिव को आरटीआई के दस्तावेजों को इक्ट्ठा कर स्वास्थ्य सचिव को लिखित शिकायत कर चुके हैं।
मैडिकल कॉलेज के अपने ही अधिकारियों द्वारा विभाग के आलाधिकारियों पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगाने का मामला प्रिंट मीडिया की सुर्खियों में प्रकाशित हो चुका है ।प्रदेश सरकार के आलाधिकारियों में लालबहादुर शास्त्री मैडिकल कॉलेज में हुए करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार मामलों पर तथा कॉलेज के एक अधिकारी द्वारा कॉलेज के आलाधिकारियों जी मिलीभगत से अपने ही परिवार के सदस्यों को वीआरएफएल प्रोजेक्ट में नियुक्ति दे डाली है।
पूर्व में एक अधिकारी द्वारा जिसका खुलासा आरटीआई लेकर स्वास्थ्य सचिव को लिखित शिकायत भी कर डाली है।
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आईसीएमआर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद एक स्वायत्त संगठन है जो स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन है। आईसीएमआर नई दिल्ली में अपने मुख्यालय और देश भर में स्थित दो दर्जनों से अधिक संस्थानों/केंद्रों और बड़ी संख्या में फील्ड स्टेशनों के माध्यम से राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग से विभिन्न क्षेत्रों में बायोमेडिकल/स्वास्थ्य अनुसंधान से कार्य कार्य रहा है । लालबहादुर शास्त्री मैडिकल कॉलेज में में भी वीआरडीएल प्रोजेक्ट अपना कार्य कर रहा है।
12 जुलाई 2023 को लालबहादुर शास्त्री मैडिकल प्रधानचार्य की अध्यक्षता में एक मीटिंग का आयोजन हुआ जिसमें वीआरडीएल/आईसीएमआर के दिशानिर्देशों के अनुसार माइक्रोबायोलॉजी में वीआरडीएल और रेडियोथेरेपी विभाग में एचबीसीआर परियोजना में अनुबंध के आधार 6 विभिन्न पदों की भर्ती के लिए पात्रता और चयन मानदंड पर चर्चा की गई।
बैठक में संजीव कुमार, अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) नेरचौक ,
डॉ. आर.आर. नेगी, प्रोफेसर एवं प्रमुख, रेडियोथेरेपी विभाग,
नेरचौक डॉ. रमेश चंद गुलेरिया, एएम, माइक्रोबायोलॉजी विभाग,
मंडी और नेरचौक मुनीश कुमार, अनुभाग अधिकारी (एफ एंड ए), नेरचौक
विपन कुमार, विधि अधिकारी,
बैठक में अनुभाग अधिकारी (एफ एंड ए) ने समिति को बताया कि वीआरडीएल और टीसीसीसी परियोजना में विभिन्न श्रेणी की कुल 6 रिक्तियां उपलब्ध हैं, जिन्हें आईसीएमआर के नियमों के तथा अनुबंध आधार पर भरा जाना था।
लेकिन पुख्ता सूत्रों से मिली जानकारी और दस्तावेजों की जांच से मालूम होता है कि मैडिकल कॉलेज के अधिकारियों द्वारा वीआरडीएल प्रोजेक्ट अनुबंध आधार पर उन छः पदों की भर्ती न करवाकर अपने पारिवारिक रिश्तेदारों की नियुक्तियां ऑउट सोर्स के आधार पर भर्ती कर एक और नई मामले को तुल दे डाला है।