***सरकार और एसपीयू प्रशासन की राजनीतिक सियासत में पिसता गरीब परिवार का भविष्य
सुभाष ठाकुर*******
मंडी सरदार पटेल विश्वविद्यालय के हजारों विद्यार्थियों का भविष्य बीजेपी और कांग्रेस की सियासत के बीच पिस्ता जा रहा है।
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आते ही मंडी सरदार पटेल विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रतिकुलपति के असाधारण अवकाश रद्द कर उन्हे शिमला विश्वविद्यालय में वापिस बोलने के बाद मामला तब बढ़ता गया जब प्रतिपकुलपति डॉक्टर अनुपमा शिमला विश्वविद्यालय वापिस जाने के बजाए सरकार द्वारा रद्द किए गए असधारण अवकाश को उच्च न्यायलय में चुनौती दे कर मंडी सरदार विश्वविद्यालय में अभी तक बनी हुई है।
कांग्रेस सरकार मंडी सरदार पटेल विश्वविद्यालय में स्टाफ की कमी को पूरा नहीं कर रही है , जिसके लिए प्रतिकुलपति डॉक्टर अनुपमा ने सरकार की कार्यप्रणाली पर कई बार सवाल खड़े कर कहा कि विश्वविद्यालय संचालन के लिए स्टाफ की भारी कमी है उन्हे तुरंत भरा जाए। लेकिन सरकार आज तक एक भी पद भरने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
जिसके कारण वर्ष 2023 -24 के प्रथम और द्वितीय वर्ष के 46 कॉलेजों के हजारों विद्यार्थियों की मुख्य वार्षिक परीक्षा के फॉर्म अप्रैल के पहले सप्ताह बीत जाने तक नही भरे गए है।
अमर ज्वाला ने जब सरदार पटेल विश्वविद्यालय द्वारा वार्षिक परीक्षा की देरी के कारणों को जानना चाहा तो कॉलेज के बच्चे भी अपने भविष्य की चिंता में डूबे हुए अपना वक्तव्य दे चुके हैं कि उनके जीवन के यह तीन वर्ष बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। उन्हे नही जानकारी कि उनकी वार्षिक परीक्षा कब होगी।
सरकार जहां विश्वविद्यालय में स्टाफ नही भर रही है तो वहीं कुलपति डॉक्टर अनुपमा मंडी संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी उम्मीदवारी की हामी भर चुकी थी।
विश्वविद्यालय की कुलपति डॉक्टर अनुपमा ने खुद अमर ज्वाला से सांझा करते हुए कहा। कि उनका नाम बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व तक चला रहा जिसके लिए नेता प्रतिपक्ष पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने भी उनका समर्थन किया हुआ है ।
बीजेपी ने कंगना रनौत को मंडी संसदीय क्षेत्र से टिकेट दिया है सरदार पटेल विश्वविद्यालय के हजारों छात्रों का भविष्य इसी बीजेपी और कांग्रेस की सियासत के बीच पिसता जा रहा है। जनता के टैक्स से सरकारी कर्मचारियों को हजारों – लाखों रूपए का वेतन कर्मचारियों और अधिकारियों को मिल रहा है लेकिन उन्हें राजनीतिक रणनीति बनाने के लिए शिक्षण संस्थानों में उच्च पदों पर बैठकर राजनीति करने के लिए सरकारी धन का दुरुपयोग पर गंभीरता से सोचना होगा कि सरकार वाहन अगर यूं ही राजनीति के लिए दौड़ा कर आम जनता के टैक्स का पैसा खर्च किया जाता रहा तो प्रदेश की अर्थव्यवस्था आने वाले दिनों में बिगड़ती जायेगी ।
सरकारी शिक्षण संस्थानों के महत्वपूर्ण पदों पर बैठ कर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर राजनीतिक सियासत कर लाखों विद्यार्थियों के भविष्य के साथ अन्याय होता हुआ कोई नही रोक पा रहा है ।
क्या शिक्षा की गुणवक्ता उच्च शिक्षण संस्थानों में सरकार ऐसे बड़ा रही है?
मंडी सरदार पटेल विश्वविद्यालय के अंतर्गत कई कॉलेजों में पढ़ने वाले प्रथम और द्वितीय वर्ष के हजारों विद्यार्थियों का भविष्य सरकार और प्रतिकुलपति की आपसी तनातनी के बीच पिस्ता जा रहा है ।
सरदार पटेल विश्वविद्यालय में प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों के पेपर सरदार पटेल विश्वविद्यालय की लचर कार्यप्रणाली के कारण लटके हुए हैं जिसके कारण मंडी वल्लभ कॉलेज के विद्यार्थियों ने अपने भविष्य को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है।
मंडी सरदार पटेल विश्वविद्यालय में फर्जी शिक्षकों की नियुक्तियों का मामला उच्च न्यायलय में विचाराधीन है , तो कभी एसपीयू की प्रतिकुलपति डॉ अनुपमा की सरकार द्वारा उनकी असाधारण अवकाश रद्द कर शिमला विश्वविद्यालय वापिस जाने के आदेश भी काफ़ी चर्चा में रहे।
सरदार पटेल विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति डॉक्टर अनुपमा ने सरकार के उन आदेशों को उच्च न्यायलय में चुनौती दे कर सरदार पटेल विश्वविद्यालय में प्रतिकुलपति का पद न होने के बावजूद भी बनी हुई है ।
सरदार पटेल विश्वविद्यालय के कॉलेजों में पढ़ने वाले प्रथम और द्वितीय वर्ष के हजारों विद्यार्थियों का भविष्य सरकार और प्रतिकुलपति प्रो डॉक्टर अनुपमा की तनातनी में पिस्ता जा रहा है। अप्रैल माह का पहला सप्ताह निकला चुका है लेकिन एसपीयू मंडी ने अपने विद्यार्थियों के फाइनल पेपर के फॉर्म तक नही भरवाए है।
विद्यार्थियों की मुख्य परीक्षा न होने के मामले पर जब वल्लभ कॉलेज की प्रधानाचार्य से पूछा तो उन्होंने भी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सरदार पटेल विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली शिमला विश्वविद्यालय द्वारा 28 मार्च से मुख्य परीक्षा शुरू हुई है जबकि सरदार पटेल विश्वविद्यालय में अभी तक वियर्थियों के परीक्षा फॉर्म तक नही भरे हैं ।
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स्टाफ की कमी के कारण एसपीयू के हर कार्य में हो रहा बिलम्व :- डॉक्टर अनुपमा
प्रतिकुलपति डॉक्टर अनुपमा ने कहा कि सरदार पटेल विश्वविद्याल में 15 लोगों के द्वारा 46 कॉलेजों के हजारों विद्यार्थियों की परीक्षा की जिम्मेवारी निभा रहे हैं। जबकि शिमला विश्वविद्यालय में 150 से 200 लोगों द्वारा काम किया जा रहा है।
प्रतिकुलपति ने साफ सरकार की कार्यप्रणाली पर हमला बोलते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में स्टाफ की कमियों के कारण सरकार की इस लापरवाही से बार बार हर विद्यार्थियों कार्य को समय पर पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
प्रतिकुलपति ने यह भी बोला कि सरदार पटेल का स्टाफ अतिरिक्त समय दे कर विश्वविद्यालय को संचालित कर रहा है। जबकि अतिरिक्त समय देने वाले उन कर्मचारियों को कोई अतिरिक्त वेतन नहीं दिया जाता है ।