ऐतिहासिक विक्टोरिया ब्रिज मकड़ियों के जंजाल से घिर कर अपनी बदहाली के आंसू बहाता हुआ

सुभाष ठाकुर*******

हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े दूसरे जिले मंडी शहर की ऐतिहासिक धरोहरों विक्टोरिया ब्रिज मकड़ियों के जंजाल से घिर कर अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है।                    जिला प्रशासन ब्रिज की साफसफाई तथा रखरखाव पर जरा सा ध्यान दें तो यह वेशकीमती प्राचीन धरोहर

देश विदेशों से आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना रहेगा।

1877 में मंडी रियासत के तत्कालीन राजा विजय सेन ने ईनाम में जीती कार को शहर तक पहुंचाने के लिए अंग्रेजी हकूमत से ब्यास नदी पर पुल का निर्माण करवाया था ।

अंग्रेजों ने एक लाख की लागत में इंग्लैंड में बने विक्टोरिया पुल की तरह यहां पर भी पुल का निर्माण किया और इसे भी विक्टोरिया पुल का ही नाम दिया गया। वही ऐतिहासिक विक्टोरिया ब्रिज मकड़ियों के जंजाल से ऐसा घिरा हुआ है जैसे महाभारत में अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु को जिस चक्रव्यूह के घेरे में वीरगद्दी को प्राप्त होना पड़ा था वही हालत मंडी शहर के इस ऐतिहासिक विक्ट्रोरिया ब्रिज के हालात भी हो चुके हैं।

विक्टोरिया ब्रिज की साफसफाई की ओर प्रशासन की ओर जरा सा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।जिस ब्रिज पर रात के अंधेरे के लिए लाईट लगाकर सुंदरता बढ़ाने का काम किया हुआ है वही उसी लाईट की रोशन ने प्रशासन और नगर निगम मंडी की साफसफाई की पोल भी खोल डाली है।

जिला प्रशासन व मंडी नगर निगम के साथ साथ अन्य समाज सेवियों को चाहिए कि शहर की इस प्राचीन धरोहर बचाने के लिए सभी को अपने उचित कदम उठाने होंगे ताकि पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र यह विक्टोरिया ब्रिज बना रहे।

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