सुभाष ठाकुर*******
शहर के बीचोबीच गाड़ियों की भारी आवाजाही के चलते मंडी शहर के सीबीआई के आस पास सड़क में तथा चौहटा बाजार में जहां गाड़ियां खड़ी करना और पार्किंकिग करना प्रतिबंध है, वहां गाय के नाम पर चकता फिरता आस्था का व्यापार देखा गया लेकिन कोई भी जिम्मेवार अधिकारी और समाजसेवक देख कर भी अपने कदम नजर अंदाज कर चलता गया।
क्या प्रशासन – क्या सरकार के जिम्मेवार अधिकारियों को ऐसी आस्था का व्यापार शहरों के बीचोंबीच और एक गाय के शरीर में जन्मजात उगे हुए अविकार अंगों के नाम पर आस्था ऐसा व्यापार चलाने की अनुमति मिलनी चाहिए या ऐसे लोगों पर सख्ती से उचित कदम उठाने चाहिए। यह सवाल उन सभी धर्म के ठेकेदारों के लिए जो कभी गाय के लिए विचार का विषय है।
क्योंकि जो गाय धर्म के नाम आस्था का प्रचार कर कमाई दे रही है उसके नाम तो गुप्तदान करने का प्रचार कर लाखों कमाई की जा रही है। जिस गाय ने दूध देना छोड़ दिया वह आवारा क्यों फिर क्या उस गाय के नाम पर कोई दान नहीं के लिए प्रचार और उनके लिए रैनवसेरा के लिए ऐसे धर्म के ठेकेदारों द्वारा क्यों नहीं ?