कुलपति प्रो. ललित कुमार अवस्थी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से की शिष्टाचार भेंट , विश्वविद्यालय की दी जानकारी
सुभाष ठाकुर*******
मंडी की सरदार पटेल विश्वविद्यालय पिछले दो वर्षों से शिक्षकों (प्रोफेसरों तथा सहायक प्रोफेसरों ) की फर्जी नियुक्तियों को लेकर काफी विवादों में रहा है । फर्जी नियुक्तियों के मामलों पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार भी प्रदेश के पढ़े लिखे युवाओं के आगे बेनकाव हो चुकी है कि चुनावों से पहले कांग्रेस के नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फर्जी नियुक्तियों का मामला दस्तावेजों के साथ उजागर करते हैं । सत्ता में बैठते ही मलाई का कटोरा मिलते ही फर्जी नियुक्तियों पर सभी खामोश हो बैठे हैं।
यूं तो चुनाव आते जाते रहेंगे और सरकार भी आती जाती रहेगी लेकिन अपात्र शिक्षकों द्वारा जिन विद्यार्थियों के भविष्य में जो परोसा जाएगा वह वह वक्त भविष्य में बार बार नहीं आएगा।
सरदार पटेल विश्वविद्यालय के नए कुलपति प्रो ललित अवस्थी ने पिछले कुछ माह पहले पदभार संभाला हुआ है । विश्वविद्यायल को के विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा देने के साथ साथ विश्वविद्यालय को रैंकिंग दिलाने के लिए जुट चुके हैं।
कुलपति के पदभार संभालने के बाद सरदार पटेल विश्वविद्यालय में होने वाली राजनीति पर विराम लगता हुआ दिखाई दे रहा है।
सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के कुलपति प्रो. ललित कुमार अवस्थी ने शिमला की अपनी हालिया यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से औपचारिक शिष्टाचार भेंट की। बैठकों के दौरान कुलपति ने विश्वविद्यालय के वर्तमान विकास, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत जानकारी दी।
चर्चा में शैक्षणिक प्रगति, बुनियादी ढांचे के विकास, अनुसंधान पहल और छात्र कल्याण कार्यक्रमों जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया। कुलपति ने विश्वविद्यालय की हाल की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिसमें विश्वविद्यालय द्वारा पहली बार प्रवेश परीक्षाओं को सफलतापूर्वक पूरा करना, अनुसंधान में प्रगति और अन्य संस्थानों और उद्योग के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करना शामिल है।
मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय की पहल के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया और राज्य के विकास में उच्च शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कुलपति को विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे और शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ाने में सरकार के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।
शिक्षा मंत्री ने विश्वविद्यालय नेतृत्व की दूरदर्शिता और प्रतिबद्धता की सराहना की तथा संस्थान को शिक्षा और अनुसंधान में उत्कृष्टता का केंद्र बनाने के लिए आगे के प्रयासों को प्रोत्साहित किया। बैठक का समापन दोनों पक्षों द्वारा विश्वविद्यालय के मिशन को आगे बढ़ाने और क्षेत्र के शैक्षिक और सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि के साथ हुआ।