अमर ज्वाला//मंडी
सरदार पटेल विश्वविद्यालय अप्रैल 2022 में अपनी स्थापना के बाद विभिन्न विवादित मुद्दों में प्रदेश की राजनीति में भी गरमाता रहा,शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियों के मामलों में फर्जी दस्तावेजों को संलग्न कर प्रोफेसरों ,सहायक प्रोफेसरों के पदों पर हुई नियुक्तियां एक मात्र अमर ज्वाला समाचार पेपर ने प्रमुखता से खुलासा कर विधानसभा में भी खूब गूंज चुका है ।
सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी की पहली वित्त समिति की बैठक 4 नवंबर 2024 को कुलपति प्रो ललित कुमार अवस्थी की अध्यक्षता में आयोजित की गई ।
पहली बैठक में विशेष सचिव वित्त रोहित जम्वाल, अतिरिक्त निदेशक उच्च शिक्षा डॉ हरीश कुमार , प्रोफेसर अनुपमा, सुनील कुमार के अलावा समिति के अन्य सदस्यों ने भाग लिया। कुलपति का पदभार संभालने के बाद प्रो ललित अवस्थी ने विश्वविद्यालय की पहली अकादमिक परिषद बनाई, जिसमें यूजी विद्यार्थियों के पास विषयों के क्रेडिट बरकरार रखने और विद्यार्थियों को अपनी डिग्री पूरी करने के लिए पांच साल का समय देने सहित कई बड़े फैसले लिए गए।
प्रो अवस्थी को इस साल सितंबर की शुरुआत में विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह आयोजित करने का श्रेय भी दिया गया। जबकि दीक्षांत समारोह के नियंत्रण कार्ड में प्रो अनुपमा का नाम न होने पर कुछ पत्रकारों द्वारा व्यक्ति विशेष के लिए कर रहे पीआर एजेंसी के कार्य कर दीक्षांत समारोह में खलल डालकर अपनी सियासी रोटियां सेंकने का कार्य भी किया गया लेकिन कुलपति प्रोफेसर ललित अवस्थी अपने दृढ़ संकल्प पर कायम रहे और दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम को सफल भी बनाया गया।
वित्त समिति विश्वविद्यालय का एक बहुत ही महत्वपूर्ण और निर्णायक निकाय है, जो विभिन्न कारणों से पहले गठित नहीं हो सकी थी और अब इसकी स्थापना के ढाई साल से अधिक समय बाद कुलपति के प्रयासों के बाद पहली वित्त समिति की बैठक हुई।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए क्लस्टर विश्वविद्यालय के वार्षिक खातों और वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए सरदार पटेल विश्वविद्यालय के वार्षिक खातों के लिए अनुमोदन मांगने सहित कई एजेंडा मदों पर चर्चा की गई।
वित्त समिति ने वर्ष 2024-25 के लिए सरदार पटेल विश्वविद्यालय के बजट अनुमानों को भी मंजूरी दी। बैठक में एसपीयू और सुंदरनगर, बासा और द्रंग में इसके परिसरों की सुरक्षा, सफाई, बिजली और नलसाजी सेवाओं की आउटसोर्सिंग पर भी चर्चा की गई क्योंकि इन आवश्यक सेवाओं की देखभाल के लिए विश्वविद्यालय में कोई नियमित कर्मचारी नहीं है।
पहली वित्त बैठक में एसपीयू के कर्मचारियों के लिए ओपीएस/सीसीएस (पेंशन) नियम 1972 और ग्रुप व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना को अपनाने/कार्यान्वित करने पर भी चर्चा की गई। अन्य मुद्दे पर चर्चा की गई, एचपीयू शिमला की तर्ज पर यूजी/पीजी परीक्षा के लिए स्पॉट मूल्यांकन केंद्रों में लगे कर्मचारियों के लिए पारिश्रमिक दरों में वृद्धि थी। बैठक की विस्तृत जानकारी देते हुए कुलपति प्रो. अवस्थी ने बताया कि विश्वविद्यालय में कुल स्वीकृत 67 शिक्षण पदों में से 41 पद रिक्त हैं तथा विभिन्न श्रेणियों के 129 गैर-शिक्षण पदों में से 70 गैर-शिक्षण पद रिक्त हैं। प्रो. अवस्थी ने बताया कि बैठक में शिक्षण एवं गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक अध्यक्ष को धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समाप्त हुई।