सुभाष ठाकुर*******
बोलते हैं कि जिस थाली में खाना उसी थाली में छेद करने से बचना चाहिए, यह बातें सिर्फ आम लोगों के लिए बनी होती है । लेकिन सियासतकारों को कोई फर्क नहीं पड़ता कि थाली में छेद पड़ जाए या थाली ही बदलनी पड़े।
हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी विकास संघ के सौजन्य से मंडी जिले के कनैड के समीप तरोट गांव में आयोजित राज्य स्तरीय सहकारी समारोह मंच के बैनरों से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की फोटो गायब रखी गई।
राज्य स्तरीय सहकारी विकास संघ के इस आयोजन सभा के मंच पर लगाए हुए बैनरों पर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अकेली फोटो ही नजर आई।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और हिमाचल सरकार के पहले उपमुख्यमंत्री के बीच विरोधी राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के भीतर कुछ नेताओं द्वारा अपनी ही सरकार में फुट डलवा कर अपनी सियासी रोटियां सेंकी जाने लगी हुई है।
हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार 11 दिसंबर 2024 को 2 साल के कार्यकाल का आयोजन करने जा रही है। सरकार के दो सालों के आयोजन से पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के बीच कांग्रेस नेताओं द्वारा आपसी क्लेश डालने का कार्य किया गया है।
मंडी जिले के कैनेड में हुए राज्य स्तरीय सहकारी विकास संघ के समारोह के मंचों पर लगाए हुए बैनरों से सरकार के मुख्यमंत्री की फोटो लगाना तक आयोजकों द्वारा उचित नहीं समझा।
मुख्यमंत्री के समर्थकों द्वारा इसकी कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए यह जरूर कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी जिले को हाशिए पर धकेला हुआ है तो उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता के कार्यक्रमों के बैनरों से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ही गायब हो गए।
राज्य स्तरीय सहकारी विकास संघ के कंधों पर कांग्रेस के कुछ नेता द्वारा अपनी सियासी रोटियां सेंक कर सरकार को कमजोर करने का भरपूर प्रयास किया गया है।
सहकारी विकास संघ के कंधों पर अपनी सियासी रोटियां तो कुछ नेता सेंक गए । लेकिन कांग्रेस सरकार के नेताओं में आपसी फूट डलवाने का कार्य किसी विरोधी राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा नहीं बल्कि अपने की दल में शामिल विरोधियों के राजदूत बन कर अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
सहकारी विकास संघ के राज्य स्तरीय सभा में शामिल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कई समर्थकों द्वारा सहकारिता क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों की आपसी चर्चा भी खूब गरमाई। समारोह में शामिल विभिन्न क्षेत्रों से सहकारी समितियों से जुड़ी हुई संस्थाओं के संचालकों तथा बैंकों से जुड़े हुए कुछ कर्मचारियों ने भी दबी आवाज में यह जरूर कहा कि मुख्यमंत्री की फोटो इन्हें गायब नहीं करनी चाहिए थी।
उन्होंने यह भी कहा कि आयोजकों द्वारा पहले से निर्धारित रहता है कि मंच के सामने क्या दिखाएंगे क्या नहीं सारी जिम्मेवारी पहले से निर्धारित रहती है। कई मीटिंगों के दौर से तय किया जाता है।
जिसकी जानकारी प्रभाशाली नेताओं और अधिकारियों को जरूर रहती है।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हिमाचल प्रदेश में सहकारी बैंकों के पूंजी निवेश लगभग 55 हजार करोड़ रुपए है। यह लोगों का इन सहकारी बैंकों पर भरोसे का भी प्रतीक है। प्रदेश के सर्वोच्च राज्य सहकारी बैंक ही लगभग 26 हजार करोड़ रुपए का है। इसके अतिरिक्त कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक तथा जोगेंद्रा बैंक सहित अन्य छोटे बैंक भी बेहतर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने सहकारी सभाओं के ऋण धारकों का आह्वान किया कि वे धारणा बदलें और अपनी किश्तों का समय पर भुगतान सुनिश्चित करें, ताकि सहकारिता क्षेत्र को और सुदृढ़ किया जा सके।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्षी दलों ने हिमाचल के हितों के साथ सदैव खिलवाड़ किया है और जब जनता ने उनके नेतृत्व को नकार दिया तो वे हिमाचल प्रदेश को बदनाम करने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार दिल्ली स्थित हिमाचल भवन सहित प्रदेश की संपदा की रक्षा के लिए दृढ़-संकल्प है।
हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम भी इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित रहे।
इस
अवसर पर नालागढ़ के विधायक हरदीप सिंह बाबा, पूर्व विधायक सुरेंद्रपाल ठाकुर व तिलकराज शर्मा, कांग्रेस नेता जगदीश रेड्डी, महेंद्र ठाकुर, अनिल शर्मा, एचआरटीसी संचालन मंडल के सदस्य धर्मेंद्र धामी, अर्बन कोऑपरेटिव बैंक मंडी के चेयरमैन रविकांत वैद्य, कांग्रेस सेवादल के पूर्व अध्यक्ष बलदेव ठाकुर, चमन राही, प्रेमलता ठाकुर, जगदीश शर्मा, सुरेंद्र शर्मा, कांग्रेस नेता दलीप कुमार, जल शक्ति विभाग के इंजीनि





यर-इन-चीफ (परियोजना) धर्मेंद्र गिल, चीफ इंजीनियर मंडी उपेंद्र वैद्य, पुलिस उपाधीक्षक सागर चंद्र, उप पंजीयक गौरव चौहान व कमलेश, हिमकोफैड संचालन मंडल के रघुवीर पठानिया, दौलतराम ठाकुर, विक्रमजीत सिंह तथा संतोष कुमार सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।