मुख्यमंत्री का यह शॉट हिमाचल भाजपा को 2027 के चुनावों में बाउंड्री से बाहर करेगा!
सुभाष ठाकुर*******
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को अपनी ही कांग्रेस पार्टी के छः विधायकों ने छोड़ा और विपक्ष में जा कर भाजपा का दामन थामने वालों में से दो विधायकों ने तो भाजपा में अपनी विधायकी बचाने में कामयाबी हासिल कर दी लेकिन चार विधायकों ने तो अपने विधानसभा क्षेत्र से विधायकी से भी हाथ धो डाला है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की व्यवस्था परिवर्तन करने वाली कांग्रेस सरकार को गिराने की जो कोशिश हिमाचल भाजपा के नेतृत्व द्वारा की गई जिसे मिशन लॉट्स की संज्ञा तक बीजेपी के विधायकों और समर्थकों द्वारा दी जाने लगी थी ,उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सियासी रणनीति ने भाजपा को औंधे मुंह की खानी पड़ी।
हिमाचल प्रदेश भाजपा नेतृत्व द्वारा चलाया गया मिशन लॉट्स हिमाचल की व्यवस्था परिवर्तन करने वाली कांग्रेस सरकार के नेतृत्व से फेल होते ही भाजपा राष्ट्रीय स्तर पर खलबली मची हुई है।
हिमाचल भाजपा नेतृत्व के पास प्रदेश कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस की गारंटियों के मुद्दों के सिवाय कुछ नहीं भी सामने नहीं ला पाया है , वहीं भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर भी कुछ मुद्दों सामने नहीं ला सकी है।
हिमाचल प्रदेश की व्यवस्था परिवर्तन करने वाली मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कांग्रेस सरकार 2027 में भी रिपीट करने के भरपूर कयास लगाए जा रहे हैं।
क्योंकि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार को सत्ता से बाहर करने का सीधा मतलब है कि हिमाचल प्रदेश के 1 लाख 36 हजार कर्मचारियों को मिलने वाली पुरानी पेंशन बहाली देश के अन्य सभी राज्यों में पुरानी पेंशन को बहाल करना पड़ेगा या फिर हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों को बहाली की हुई पुरानी पेंशन बंद करनी पड़ेगी।
भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के लिए वर्ष 2027 के हिमाचल विधानसभा चुनावों में आगे कुवां पीछे खाई वाली स्थिति बनने वाली है। यही कारण है कि हिमाचल कांग्रेस सरकार को समय से पहले भाजपा एक रणनीति के तहत गिराना चाहती थी और हिमाचल की व्यवस्था परिवर्तन करने वाली कांग्रेस सरकार ने हिमाचल प्रदेश के 1 लाख 36 हजार कर्मचारियों तथा उनके परिजनों तक अपना सीधा संदेश हिमाचल प्रदेश में हुए उपचुनावों में दे डाला था कि प्रदेश में भाजपा सरकार ने वापसी की तो कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बंद कर देगी ।कर्मचारियों को भी मालूम है कि भाजपा आई तो पुरानी पेंशन बंद हो सकती है या फिर देश के अन्य भाजपा शासित राज्यों में भी बहाली करनी पड़ेगी।
हिमाचल प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को सत्ता में लाने का मतलब है कि केंद्र से लेकर देश के अन्य बीजेपी शासित राज्यों में बीजेपी सरकार को पुरानी पेंशन बहाल करना मुश्किल होगा।
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कांग्रेस की सरकार की वापसी तय मानी जा रही है।