हिमाचल में हर साल बरसात के कुदरती कहर ने मचाया तांडव, जानमाल का भारी नुकसान

अमर ज्वाला//मंडी

हिमाचल प्रदेश में कुदरती तांडव ने साल दर साल कहर मचाने नहीं छोड़ा है। प्रदेश देवी देवताओं की देव भूमि के नाम से जाना जाता है लेकिन कुदरती तांडव रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

मंडी जिले में हर साल इंसानी जिंदगियों के लिए बरसात एक खौफनाक मंजर की तरह बन चुका है। 30जून की रात को 17 जगह बादल फटे हैं। मंडी जिले में 15, जबकि कुल्लू और किन्नौर जिले में एक-एक । मंडी में 16 लोगों समेत पूरे प्रदेश में 18 लोगों की मृत्यु हो चुकी और अभी तक 34 लोग लापता हैं। सैकड़ों लोगों को विभिन्न स्थानों से  रेस्क्यू किया गया  है।

मंडी जिले में 24 घर और 12 गोशालाएं का नामोनिशान मिट चुका है। तीन्दरजन से अधिक पशुओं की मौत हो गई है। पण्डोह डैम के साथ लगते हुए पटिकरी प्रोजेक्ट बह गया है। कई पुल ध्वस्त हो गए हैं। थुनाग उपमंडल में कुकलाह में भी रात को बादल फटने से आई बाढ़ में करीब आठ घरों के साथ 24 लोग बह गए। मंगलवार  शाम को 9 शव मिले हैं, जबकि 21 लोग लापता है।

गोहर उपमंडल के स्यांज में सोमवार रात को बादल फटने से नौ लोगों के साथ दो घर बह गए। इनमें दो के शव मिल गए हैं। बाड़ा में एक घर के ढहने से छह लोग दब गए। इनमें से चार को रेस्क्यू कर लिया गया, जबकि दो के शव बरामद हुए हैं। बस्सी में फंसे दो लोगों को रेस्क्यू किया गया, जबकि परवाड़ा में मकान बहने के कारण एक ही परिवार के दो सदस्य लापता हैं।

एक शव बरामद कर लिया गया है। करसोग में बादल फटने से पुराना बाजार नेगली पुल से चार लोग लापता हैं, जबकि एक शव बरामद कर लिया गया है। यहां छह घरों को नुकसान पहुंचा है। एनडीआरएफ ने लापता लोगों की खोज के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। टिकरी प्रोजेक्ट से करीब दो दर्जन लोग रेस्क्यू किए गए हैं।

सड़केंड बसे एचआरटीसी बसे भी मलबे की चपेट में आई

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किन्नौर के सांगला तहसील के खरोगला में भी बादल फटा है। वहीं, चंबा जिला में धुंध के चलते सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गई है

जबकि कांगड़ा में ब्यास पुल नादौन के पास पंचायत घुरकाल के नजदीक निर्माणाधीन पुल के नीचे एक महिला का शव बरामद हुआ है। धर्मपुर उपमंडल के स्याठी गांव में बादल फटने की घटना के बाद दो घर पहुंचा है। जोगिंद्रनगर उपमंडल में नेरी कोटला में एक अज्ञात शव बरामद हुआ है। सदर उपमंडल में मंडी शहर में पैलेस कॉलोनी, टारना और डाइट मंडी में जलभराव व भारी बारिश के चलते 56 लोगों को रेस्क्यू किया गया। भारी बारिश और जगह-जगह बादल फटने से भारी तबाही के बीच मंगलवार को मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा जिले में सोमवार को स्कूल बंद रहे।

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NHAI की बिजनी तनक के मुख्य गेट पर पहाड़ी पर बिछाई हुई कंक्रीट दूसरी बार गिरी भूस्खलन के मलबे से हुआ कार्य बंद

नेरचौक से कुल्लू मनाली फोरलेन जगह जगह भूस्खलन से वाहनों की आवाजाही रुक रुक कर होती रही। वहीं मंडी पठानकोट फोरलेन के निर्माणाधीन फूल और सड़कों के दाएं और बाएं लगाए गए डंगे पूरी तरह से क्षति ग्रस्त हुए हैं। बिजनी टनल के मुख्य गेट पर पहाड़ी पर भूस्खलन हुआ, यह भूस्खलन घटिया और निम्नस्तर की सामग्री का प्रयोग करने का परिणाम सामने आए हैं।

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