जिला में 198 लोगों का सफल रेस्क्यू, 357 प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में दिया आसरा -उपायुक्त मंडी

*थुनाग में जरूरी भवनों की बिजली आपूर्ति बहाल*

अमर ज्वाला//मंडी,

उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने मंडी में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में बताया 30 जून और 1 जुलाई को आई भीषण आपदा के दौरान उपायुक्त ने बताया कि आपदा के चलते कुल 14 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं जिनमें थूनाग में 6, करसोग में 5, बालीचौकी में 2 और धर्मपुर में एक शामिल है। चेलचौक-बगस्याड़ सड़क बहाल कर दी गई है और जंजैहली को वाया करसोग जोड़ने वाली सड़क भी 4 जुलाई को दिन में बहाल हो जाएगी। वर्तमान में जिले में 188 सड़कों पर आवाजाही बाधित है, जिसमें सबसे ज्यादा धर्मपुर (42), सराज (37), थलौट (31) और करसोग (27) प्रभावित हैं। इन सड़कों को खोलने के लिए जेसीबी मशीनों से युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। उपायुक्त ने बताया कि जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से अब तक 198 लोगों का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया जा चुका है। थूनाग और जंजैहली क्षेत्रों में प्रशासनिक अधिकारियों की विशेष तैनाती की गई है ताकि राहत कार्य बिना बाधा के संचालित हो सकें। थुनाग में जरूरी भवनों की बिजली आपूर्ति बहाल को कर दी गई है । इससे अब राहत कार्यों में तेजी आएगी।

 

राहत शिविरों में 357 प्रभावित लोग, हेलीकॉप्टर से पहुंचाई जा रही राहत सामग्री

 

उपायुक्त ने बताया कि जिले में 6 राहत शिविर सक्रिय हैं, जिनमें सरकारी भवन, नामदारी गुरुद्वारा मंडी और जवाहर नवोदय विद्यालय पंडोह शामिल हैं। इनमें 357 लोगों और जंजैहली से एनसीसी प्रशिक्षण के लिए आए बच्चों को नवोदय विद्यालय में शिफ्ट किया गया है। राहत सामग्री राशन, कपड़े, दवाइयां प्रभावित क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर से पहुंचाई जा रही है। बगस्याड़ से आगे राहत सामग्री खच्चर और पैदल रूट से भेजने के लिए जिला के अन्य स्थानों से खच्चरों को बगस्याड पहंुचाया जा रहा है, जहां से आगे खच्चरों पर ढोकर राहत सामग्री भेजी जाएगी।

 

सड़क, पेयजल, बिजली व्यवस्था को 115 करोड़ का प्रारंभिक नुकसान

 

उन्होंने बताया कि जिले में कुल 580 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई थीं, जिनमें से थुनाग क्षेत्र में 321 योजनाएं प्रभावित हुईं। इनमें से 66 को बहाल कर दिया गया है और शेष को बहाल करने के प्रयास जारी हैं। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, आपदा से 115 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। 300 से 400 घरों को क्षति पहुंची है, जिनमें से 154 घर पूरी तरह और 105 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। 164 मवेशियों की मृत्यु की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि दुर्भाग्यवश इस आपदा में अब तक 14 लोगों की मृत्यु हो चुकी है जबकि 31 लोग अभी भी लापता हैं। इनमें से 95 प्रतिशत के बारे में सूचना प्राप्त हो चुकी है और आशा जताई गई है कि लापता संख्या में वृद्धि नहीं होगी।

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