मंडी वासी शोक में डूबे: डॉ. राजेंद्र कुमार ‘राजू’ के निधन पर शोक संवेदनाएँ*

अमर ज्वाला //मंडी

मंडी शहर और जिला आज अपने एक महान सपूत, डॉ. राजेंद्र कुमार ‘राजू’ के निधन से गहरे शोक में डूबा है। डॉ. राजू एक प्रसिद्ध कृषि और मृदा वैज्ञानिक, विचारक और समर्पित समाजसेवी थे, जिनका आज सुबह मंडी के तुंगल क्षेत्र के देवधार गांव में उनके निवास पर लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे।

डॉ. राजू का जीवन निस्वार्थ सेवा, बौद्धिक उत्कृष्टता और समाज उत्थान के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक था। उन्होंने कृषि, शिक्षा और सामाजिक कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसने मंडी जिले और उससे परे हिमाचल प्रदेश और भारतीय कृषि परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी।

*कृषि विज्ञान में शानदार करियर*

डॉ. राजू का पेशेवर जीवन शानदार रहा, जिसमें मृदा विज्ञान और कृषि नवाचार में महत्वपूर्ण योगदान शामिल हैं। उन्होंने भारत सरकार के कृषि विभाग में वरिष्ठ मृदा वैज्ञानिक के रूप में कार्य किया और हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में प्रो-टेम कुलपति के रूप में सेवा दी।

*सामाजिक सेवा और राजनीतिक भागीदारी*

डॉ. राजू सामाजिक कार्यों के प्रति गहरे समर्पित थे और विनम्रता, करुणा और सेवा के मूल्यों को आत्मसात किया। उन्होंने मंडी में सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल सभा सोसाइटी की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जागृति शिक्षा संस्थान सोसाइटी की स्थापना की।

डॉ. राजू के निधन की खबर ने मंडी में सदमे की लहर दौड़ा दी है, और प्रमुख नागरिकों, सामाजिक संगठनों और निवासियों ने अपनी शोक संवेदनाएँ व्यक्त की हैं। उनके निधन को क्षेत्र के लिए एक अपूरणीय क्षति के रूप में देखा जा रहा है, जिसने एक दूरदर्शी को खो दिया है, जिन्होंने विज्ञान, शिक्षा और सामाजिक सेवा को अद्वितीय समर्पण के साथ जोड़ा डॉ. राजेंद्र कुमार ‘राजू’ की आत्मा को शाश्वत शांति प्राप्त हो और उनका शोकग्रस्त परिवार इस अपार क्षति को सहन करने की शक्ति पाए। उनकी सेवा और बलिदान की विरासत मंडी और उससे परे के लिए हमेशा एक मार्गदर्शक प्रकाश बनी रहेगी।

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