सोमवार सुबह 10 से 11 बजे के बीच मंडी शहर के सब्जी विक्रेताओं में उस वक्त हड़कंप मचा गया जब एक न्यायधीश के घर से सब्जी की खरीद करने के लिए सब्जी मंडी एसबीआई और ग्रामीण बैंक के बीच नगर निगम कार्यालय जाने वाले सड़क के दोनों तरफ बैठे हुए एक सब्जी के दुकानदार से खीरे का मूल्य पूछा तो ₹80 प्रति किलो बताया, लेकिन जब भी खरीददार ने एसबीआई के नीचे पक्की दुकानों में बैठे हुए एक दुकानदार से खीरे का फिर से मूल्य पूछा तो वहां ₹60 किलो बताया।
सूत्रों से मिली जानकारी यह है कि कि आज सोमवार को लगभग 10 और 11 बजे के बीच मंडी न्यायलय के एक न्यायधीश के घर से मंडी शहर की सब्जी की में सब्जियों की खरीदारी करने के लिए सब्जी विक्रेता से खीरे का मूल्य पूछा दुकानदार ने ₹80 किलो बताया । महिला खरीददार एसबीआई के भीतर चले गई और वहां एक दुकानदार से पूछा कि खीरे का मूल्य प्रति किलो क्या है? वहां दुकानदार ने महिला को ₹60 प्रति किलो खीरे का मूल्य बताया तो महिला ग्राहक हैरान हुई कि चंद्र कदमों के फासले में ₹20 प्रतिकिलो खीरे के मूल्य इतना अंतर कैसे ? महिला ग्राहक वापिस पहले वाले दुकानदार के पहुंची और पूछा कि ऐसा क्यों ? बताया जा रहा है कि महिला द्वारा किसी को फोन भी किया हुआ बताया गया कि मंडी शहर में सब्जियों के मनमाने दाम आमजनता से क्यों वसूले जा रहे हैं ?
जिला उपायुक्त द्वारा कुछ सप्ताह पहले आमजनता की सुविधाओं के लिए प्रतिदिन सब्जियों के मूल्यों की सूची वाटसेप्प ग्रुप में पोस्ट की जाती है ताकि आमजनता के बीच और दुकानदारों के बीच मोलभाबे तनातनी न हों। लेकिन फिर भी कुछ विक्रेता प्रशासन द्वारा जारी की हुई सब्जियों के मूल्यों पर अपने समान की बिक्री नही बल्कि अपने मनमर्जी के दाम आमजनता से वसूले जाते हैं , जिसका मामला आज न्यायधीश के घर वालों को भी इस समस्या से झुंझना पड़ा।
सूत्रों से मिली जानकारी यह है कि सब्जी विक्रेता खुद सब्जियों की सप्लाई किसी होटल वाले को छोड़ने जाता है। दुकान में उस वक्त वहां पर अस्थाई तौर पर उनके पापा दुकान को संभाल रहे थे। इस पूरे मामले की छानबीन करते करते उस दुकानदार को पूछा कि आजके घटनाक्रम पर जानकारी समझे करे।
दुकानकर ने कहा कि पापा को खेरे का मूल्य मालूम नही था । मै खुद उस वक्त सब्जी की सप्लाई किसी होटल वाले को देने चला गया था। उन्होंने कहा कि खीरा ₹60 प्रति किलो ही है।