मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मंडी के भ्यूली पहुंचने पर उनके कुछ करीबी स्वागत में शमिल तक नहीं हुए , किसी ने फूलों का गुच्छा किया भेंट तो किसी ने 30 रूपए की हार तक नहीं पहनाई, लेकिन प्रचार के लिए लगाए हजारों रुपए के बड़े बड़े बड़े होल्डिंग
सुभाष ठाकुर*******
सियासत में अपने पराए की पहचान तब होती है कि जब विपरीत परिस्थितियों में भी शामिल हो कर मजबूती के साथ खड़ा होने वाला ही हितैषी माना जाता है।
लेकिन सत्ता सुख भोगने के लिए तो विरोधी भी हितैषी होने का दावा करते हैं लेकिन जब मुश्किल वक्त में जो समर्थक हर परिस्थितियों में शामिल रहे वही हितैषी होता है।
यह किसा मंडी की अंतराष्ट्रीय शिवरात्रि के शुभारंभ करने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मंडी दौरे से संबंधित घटना का खुलासा हुआ है। यह चर्चा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मंडी भ्यूली पहुंचते ही उनके स्वागत में कौन कौन शामिल रहे और किसने फूलों का गुलदस्ता भेंट किया किसी ने फूल माला पहनाई,कुछ करीबियों ने बारिश में स्वागत करने से ही दूरियां बनाई और सीधे उपायुक्त कार्यालय में अपनी हाजरी भरी और न ही भरी बारिश में निकली अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि की पहली शाही जलेब में शामिल रहे।
मुख्यमंत्री शिवरात्रि के शुभारंभ कर जब मंडी सर्किट हाऊस पहुंचे तो देर रात को मुख्यमंत्री के करीबियों में दिन भर की आपसी समीक्षा कर पाया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के भ्यूली पहुंचने पर उनकी टीम के लोग कौन कौन शामिल हुए कौन कौन नहीं बल्कि पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह प्रकाश चौधरी, सोहन लाल ठाकुर , संजीव गुलेरिया, चंपा ठाकुर, जगदीश रेड्डी ,पावन ठाकुर, जीवन ठाकुर यह लोग पहले ही फूलों का गुलदस्ता लेकर खड़े हुए थे।
देर रात सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री के सामने एक नेता ने किसी के द्वारा सोशल मीडिया की हुई पोस्ट के स्क्रीन शॉट पेश किए, तो किसी को मनोनीत करने पर मुख्यमंत्री द्वारा उनके नाम रिकमेंट करने वाले को तक पूछताछ डाला , किसी ने चंपा ठाकुर का नाम लिए तो जब चंपा ठाकुर को मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या आपने इनका नाम रिकमेंट किया चंपा ठाकुर ने इंकार किया फिर दूसरे नेता को पूछा तो उन्होंने भी इंकार किया था लेकिन बात यहां तक पहुंच चुकी कि पवन ठाकुर बोले कि संजीव गुलेरिया सरकाघाट की ट्रांसफर करने लगे हैं।
मुख्यमंत्री ने एक नेता को यह तक पूछ डाला कि ऐसी पोस्ट करने के पीछे आखिर क्या मकसद रहा है।
यही पूछताछ करते करते मुख्यमंत्री के करीबियों में भी आपसी हल्की कहासुनी हुई और गुटबाजी बढ़ती हुई दिखाई दी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मंडी जिले में बहुत कम नेता ऐसे हैं जो पहली कतार में खुद को शामिल रखते हैं लेकिन मंडी जिले में कांग्रेस के कद्दावर वरिष्ठ नेताओं की कमी नहीं लेकिन राजनीति में हारजीत चलती रहती है लेकिन हिमाचल प्रदेश कांग्रेस का नेता जिसकी फेस वैल्यू आज भी प्रदेश भर में हैं । पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह एक ऐसा चेहरा कांग्रेस संगठन को मजबूती प्रदान करवा सकते हैं,मंडी से संबंधन रखते हैं।




मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी नेताओं की पोल खुल गई जब उन्होंने मंडी की अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि के शुभारंभ के लिए आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने में रुचि नहीं दिखाई। जबकि कुछ अन्य नेता भारी बारिश के बावजूद शाही जलेब में शामिल हुए और मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए पैदल चले।
यह घटना मुख्यमंत्री के करीबी नेताओं के बीच आपसी गुटबाजी को उजागर करती है। कुछ नेता मुख्यमंत्री के करीबी होने का दावा करते हैं, लेकिन जब मौका आता है तो वे अपने कर्तव्यों का पालन करने में असफल रहते हैं।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री के करीबी नेताओं के बीच एक दूसरे के प्रति ईर्ष्या और गुटबाजी हावी है। यह घटना न केवल मुख्यमंत्री के करीबी नेताओं की पोल खोलती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे कुछ नेता अपने स्वार्थ के लिए मुख्यमंत्री के नाम का उपयोग करते हैं।