आपदा की घड़ी में जननायक बनकर उभरे उपायुक्त अपूर्व देवगन

सुभाष ठाकुर*******

30 जून की आधी रात को हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में बहुत भारी बारिश होने से सिराज, नाचन और करसोग और धर्मपुर में भारी जानमाल का नुकसान हुआ।

1 जुलाई 2025 से सिराज क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य को शुरू किया गया । NDRF ,SDRF तथा ITBP के जवानों द्वारा मलबे में फंसे हुए लोगों को उनके क्षतिग्रस्त घरों इंसानी जिंदगियां तथा गौशालाओं से पशुओं को जिन्हें बचाया जा सकता था उन्हें बचाने का हरसंभव सभी ने मिलकर कार्य किया।

 

मंडी जिला में आई आपदा में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने खुलकर मदद की संस्थानों के सहयोग में कई नेताओं ने अपनी राजनीतिक रोटियां भी सेंकी  जा रही है । वहीं व्यक्तिगत भी लोगों द्वारा अंशदान किया जा रहा है यही तभी संभव हुआ है जब जिला उपायुक्त द्वारा सहयोग के लिए अपील की हुई थी। कि दानी सजनों द्वारा कैसे कैसे अपना सहयोग करना है।

भारी बारिश के दौरान कई जगह बादल फटने से बाढ़ आई जिसने सैकड़ों घरों , 42 इंसानी जिंदगियों , हजारों बीघा भूमि ,गाड़ियां , बगीचों ,गाय , भेड़ तथा बकरियों को अपने साथ बहा ले गया। इस आपदा का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, लोकनिर्माण मंत्री ,केंद्रीय मंत्री ,नेता प्रतिपक्ष, कई मंत्री, केंद्रीय मंत्री सांसद तथा पार्टियों के अन्य नेता गण भी पहुंचे और संस्थाओं द्वारा दिए हुए राशन किटें, तिरपाल तथा अन्य सभी राहत सामग्रियों का वितरण प्रभावित परिवारों किया और मीडिया में बयान जारी अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर गए।

आपदा प्रभावित क्षेत्रों के परिवारों के बीच अगर किसी ने पहुंच बनाई तो वह सिर्फ जिला उपायुक्त अपूर्व देवगन और उनकी पूरी टीम जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों द्वारा राहत और बचाव कार्य की जिम्मेवारियां का निर्वाह किया ताकि इस आपदा के वक्त कोई परिवार भूखा न रहे और नहीं ही किसी बीमारी के कारण किसी की जान पर बन आए। आपदा के मुश्किल वक्त में अगर किसी ने समझा देखा और तो वह पूरी शिद्दत से जिला उपायुक्त अपूर्व देवगन की कड़ी मेहनत से संभव हो पाया है।
आपदा इतनी बड़ी थी कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों से हर तरह का संपर्क कट जाने से और अधिक मुश्किल बड़ी रही। लेकिन उपायुक्त अपूर्व देवगन को मुख्यमंत्री मंत्री के आदेशों का पालन इतने कम वक्त में सड़क ,बिजली और पानी ,स्वास्थ्य सुविधाएं आंशिक रूप में बहाली करवाने में कामयाब हुए।
यह तभी संभव हो पाया जब उपायुक्त अपूर्व देवगन खुद प्रतिदिन कई किलोमीटर का सफर पैदल तय कर प्रभावित क्षेत्रों के गांव गांव दस्तक देते रहे कर जायजा ले कर राहत और बचाव कार्य को करते रहे। जिला उपायुक्त 1 जुलाई की सुबह सूचना मिलते ही सिराज में आई आपदा के राहत और बचाव कार्य को लेकर निकल चुके थे।सड़क मार्गों की बहाली के लिए जेसीबी मशीनरी के साथ आपदा प्रभावित क्षेत्र की ओर भारी बारिश में खड़े हो चुके और जिला प्रशासन के विभिन्न विभागाधिकारियों को धरातल पर राहत और बचाव कार्य के लिए दिनरात लगा दिए।

उपायुक्त अपूर्व देवगन ने हर आपदा प्रभावित परिवारों को भूखे प्यासे नहीं रहने दिया। किसी भी क्षेत्र जहां आपदा ने कहर मचाया हुआ था कहीं से कोई शिकायत नहीं आई कि 2025 में आई ।
जिला मंडी के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में आई इस त्रासदी में 42 लोगों की जाने जा चुकी जिसमें 15 शब ही मिल पाए अन्य की तलाश जारी है।
उपायुक्त ने अपनी जिम्मेवारी ही नहीं बल्कि इंसानियत को तरजीह देते हुए दिन रात कई किलोमीटर पैदल चल कर कार्य करते रहे ,अकसर जिला उपायुक्त अन्य अधिकारियों को आदेश पर आदेश देते और रिपोर्ट लेकर सरकार को भेज देते थे। अपूर्व देवगन ने अपनी युवा शक्ति का भरपूर उपयोग आपदा के कारण मानवता की मुश्किलों को कम करने में उपयोग कर हिमाचल प्रदेश की जनता की नजरों में जननायक बन कर सामने आए।

जिला मंडी उपायुक्त ने आपदा की मुश्किल घड़ी में कड़ी मेहनत और उनके समर्पण भाव ने उन्हें जननायक की भूमिका में स्थापित किया है। उनकी निष्ठा और कार्यशैली ने आपदा प्रभावित परिवारों को राहत और आशा की किरण दिखाई है। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य को गति प्रदान करने के लिए दिनरात कार्य किया और उनकी इस कड़ी मेहनत का परिणाम यह है कि आपदा प्रभावित परिवारों को समय पर राहत सामग्री पहुंचाई जा सकी।

 

 

उपायुक्त अपूर्व देवगन की इस कार्यशैली की सराहना करते हुए लोग उन्हें एक सच्चा जननायक मान रहे हैं। उनकी इस कार्यशैली से यह साबित होता है कि वे एक सच्चे जनसेवक हैं और उनकी प्राथमिकता है आपदा प्रभावित परिवारों की मदद करना।

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